जेट एयरवेज (Jet Airways) के पूर्व कर्मचारियों की मदद के लिए मोदी सरकार आगे आई है. सिविल एविएशन मिनिस्‍टर हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि सरकार Jet के पूर्व कर्मचारियों को नौकरी दिलाने में मदद करेगी. पुरी ने बताया कि मंत्रालय प्राइवेट एयरलाइनों से बातचीत कर रहा है ताकि जेट के पूर्व कर्मचारियों को नौकरी मिल सके. इन एयरलाइन में स्‍पाइसजेट (Spice Jet) और इंडिगो (Indigo) शामिल हैं.

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वेबसाइट लॉन्‍च करेगी सरकार

पुरी ने राज्‍यसभा में कहा कि जेट के पूर्व कर्मचारियों के लिए 1 वेबसाइट लॉन्‍च की जाएगी ताकि उन्‍हें नौकरी मिल सके. वेबसाइट पूरी तरह तैयार है. इसमें हरेक कर्मचारी का ब्‍योरा दिया जाएगा. इससे पहले जून में भी पुरी ने विश्वास जताया था कि बंद पड़ी विमानन कंपनी को दोबारा शुरू करने का समाधान निकाला जाएगा. पुरी ने कहा था कि हमें पूरा भरोसा है कि हम इस बंद पड़ी एयरलाइन को शुरू करने का हल निकाल सकते हैं.

17 अप्रैल से बंद है एयरलाइन

समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक जेट एयरवेज ने धन की कमी के कारण 17 अप्रैल से अपने सभी ऑपरेशन को रोक दिया है. कंपनी के पास 119 विमान थे, जिनमें करीब 90 विमान दूसरी कंपनियों को पट्टे पर दे दिए गए हैं. 

जेट के खरीदारों को फ्लाइंग लाइसेंस की जांच का इंतजार

उधर, जेट एयरवेज की प्रमुख संपत्ति-फ्लाइंग लाइसेंस (Flying Licence) एविएशन के नियामक के पास जांच के लिए पड़ा है. इससे NCLT-समर्थित समाधान प्रक्रिया पटरी से उतर सकती है. एयरलाइन के बैंकर भी घबराए हैं. रद्द एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (AOC) एयरलाइन से अपेक्षित रिकवरी की कम होगी, जिस पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.