अब विदेश की सैर नहीं करा पाएंगे Jet Airways के विमान, बनी देश की सबसे छोटी एयरलाइन
आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी जेट (JET) एयरवेज के 15 से भी कम विमान अब परिचालन में हैं.
आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी जेट (JET) एयरवेज के 15 से भी कम विमान अब परिचालन में हैं. नागर विमानन सचिव पी.एस.खरोला ने कंपनी के सक्रिय विमानों की संख्या पूछे जाने पर कहा कि कल (मंगलवार को) 28 विमान परिचालन में थे. इससे जेट एयरवेज देश की सबसे छोटी एयरलाइन बन गई है. इससे वह अंतरराष्ट्रीय रूट पर भी परिचालन नहीं कर पाएगी.
अब सिर्फ 15 विमान भरेंगे उड़ान
खरोला ने कहा, कंपनी ने मंगलवार शाम शेयर बाजार को बताया कि अन्य 15 विमान खड़े किये गये हैं. अत: अब कंपनी के बेड़े में 15 से भी कम विमान रह गये हैं. कंपनी के बेड़े में करीब 119 विमान थे. हालांकि, विमान के लीज की किस्तें नहीं चुकाने के कारण कंपनी को हालिया समय में अधिकांश विमान खड़े करने पड़े हैं. खरोला ने कंपनी के वित्तपोषण के बारे में कहा, ‘‘मामला बैंकों और जेट एयरवेज के प्रबंधन के बीच है. वे आपस में बातचीत कर रहे हैं.’’
4 फीसदी तक टूटे शेयर
इस खबर के बाद बुधवार को कंपनी के शेयर चार प्रतिशत तक गिर गये. बीएसई में कंपनी का शेयर गिरकर 257.80 रुपये पर खुला. कारोबार के दौरान यह 3.90 प्रतिशत गिरकर 254.55 रुपये पर चल रहा था. इसी तरह एनएसई में कंपनी का शेयर चार प्रतिशत गिरकर 254.40 रुपये के निचले स्तर पर चल रहा था.
पायलटों ने भी रखी नई शर्त
उधर, Jet Airways के पायलटों ने समय पर वेतन के साथ बकाया वेतन पर ब्याज देने की मांग कर दी है. एविएशन गिल्ड ने कहा है कि उन्हें अपने EMI और अन्य पेमेंट पूरे करने हैं. 1 अप्रैल से प्रस्तावित हड़ताल को टालने के बाद गिल्ड के अध्यक्ष करण चोपड़ा ने ये पत्र लिखा है.