निजी और घरेलू एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड की लगातार गिरती वित्तीय स्थिति संभलती नहीं दिख रही. पूंजी जुटाने की गंभीर समस्या से जूझ रही जेट एयरवेज के सह-संस्थापक नरेश गोयल ने अब मदद की आस लिए एशिया के दो बड़ी हस्तियों- रिलायंस इडस्ट्रीज और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा के दरवाजे खटखटाए हैं. इस मामले से जुड़े तीन लोगों ने यह जानकारी दी है. नरेश गोयल जेट एयरवेज में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, यानी जिनका एयरलाइंस पर नियंत्रण है, ने पिछले पखवाड़े ही रतन टाटा से बातचीत की है.

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तीन लोगों ने नाम उजागर न होने की शर्त पर बताया कि फंड जुटाने के लिए विदेशी एयरलाइंस कंपनियों की तरफ भी नरेश गोयल का ध्यान है. रिलायंस ने विमानन क्षेत्र में किसी भी तरह का निवेश करने की खबरों को खारिज कर दिया था. यहां तक कि किंगफिशर एयरलाइंस को राहत पैकेज के लिए भी कंपनी ने कोई रुचि नहीं दिखाई थी. लेकिन अब नरेश गोयल ने फिर से मुंकेश अंबानी से भी हिस्सेदारी बिक्री के लिए संपर्क किया है. हालांकि अभी उधर से कोई जवाब नहीं मिला है.

इनका यह भी कहना था कि टाटा समूह जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीद को लेकर अपनी रुचि रखता था, लेकिन नरेश गोयल के नियंत्रण रखने के मुद्दे पर टाटा समूह राजी नहीं था. टाटा समूह पहले से ही एयरएशिया इंडिया और विस्तारा में अपनी हिस्सेदारी रखता है. टाटा समूह के प्रवक्ता ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 

लाइवमिंट की खबर के मुतबिक, जब जेट एयरवेज से इस संबंध में संपर्क किया गया तो उसके प्रवक्ता ने कहा कि अफवाहों पर कंपनी कोई टिप्पणी नहीं करती. इसी तरह रिलायंस समूह की तरफ से भी भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया. जेट एयरवेज में अबू धाबी की एयरलाइंस एतिहाद एयरवेज की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है.