वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) ने कहा है कि उसे पट्टा किराये का भुगतान नहीं होने की वजह से अपने चार और विमान खड़े करने पड़े हैं. इसके साथ ही नकदी संकट और उसके द्वारा पट्टा किराये का भुगतान नहीं करने की वजह से परिचालन से हटाए गए विमानों की संख्या 32 हो गई है. 

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शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एयरलाइन ने कहा, ‘‘लीज पर विमान देने वालो को पट्टा करार के तहत भुगतान नहीं कर पाने की वजह से हमें 4 और विमान खड़े करने पड़े हैं.’’ इससे पहले जेट एयरवेज के चेयरमैन ने एयरलाइन की इक्विटी भागीदार एतिहाद एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी डगलस को पिछले सप्ताह भेजे पत्र में कहा था कि 50 प्रतिशत से अधिक विमान खड़े करने पड़े हैं.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘इससे पहले दिसंबर तक कंपनी के 100 विमान सेवा में थे.’’ जेट एयरवेज के बेड़े में विमानों की संख्या कुल संख्या 119 है. अधिकारी ने कहा कि कंपनी के विमान खड़े हैं. कंपनी से कहा गया है कि वह सुनिश्चित करे कि इस वजह से रद्द हो रही उड़ानों के चलते यात्रियों को कोई परेशानी ना हो. 

अधिकारी ने संकेत दिया कि स्थिति बड़ी नाजुक है और कंपनी के और विमान भी खड़े हो सकते हैं. तब से वह लगातार नियामक डीजीसीए को इस संबंध में जानकारी दे रही है. 

कंपनी ने नियामक को यह भी सूचना दी है कि उड़ान रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध करायी जा रही है या उन्हें उचित मुआवजा दिया जा रहा है. ग्राहकों की ओर से उसे इस संबंध में अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है.

उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज नकदी की कमी के भारी संकट से गुजर रही है. इसके चलते वह पट्टे पर लिए विमानों का किराया नही चुका पा रही है.