इंटरनेशनल फ्लाइट्स की उड़ानों के साथ ही लौटी एविएशन सेक्टर में बहार, पहले दिन इतने पैसेंजर्स ने किया सफर
International Flights: दो साल के अंतराल के बाद 27 मार्च से भारत में इंटरनेशनल फ्लाइट्स को खोल दिया है, इससे एविएशन इंडस्ट्री को बूस्ट मिलने की उम्मीद की जा रही है.
International Flights: दो साल के अंतराल के बाद अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें खुलने से एविएशन इंडस्ट्री में एक बार फिर से रौनक लौटनी शुरू हो चुकी है. हालांकि 2021 की तुलना में जनवरी और फरवरी 2022 में पैसेंजर्स के फुटफॉल्स में कमी देखी गई है. लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्मियों में इसमें बढ़ोतरी होगी.
बुकिंग में आई तेजी
इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए बुकिंग में बड़े पैमाने पर तेजी देखी जा रही है. अमेरिका से लेकर मालदीव, वियतनाम हो या श्रीलंका सभी जगहों की यात्रा के लिए 2 साल बाद भारतीय पैसे खर्च कर रहे हैं.
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इंटरनेशनल फ्लाइट्स के साथ ही डोमेस्टिक फ्लाइट्स में भी बड़े पैमाने पर अलग-अलग रूट्स के लिए उड़ाने शुरू की जा रही हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि एविएशन इंडस्ट्री के अच्छे दिन लौटने वाले हैं.
पहले दिन का आंकड़ा
27 मार्च को इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होते ही पहले दिन कुल 1.1 लाख लोगों ने उड़ानें भरी हैं. कल कुल 653 उड़ानों में से 318 उड़ानें विदेशों के लिए थीं. इनसे कुल 57,473 यात्रियों ने विदेश के लिए उड़ानें भरीं. वहीं कुल 317 इंटरनेशनल फ्लाइट्स देश में आईं, जिसमें 53,722 लोगों ने यात्रा की.
एविएशन मिनिस्टर ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए यह एक शानदार मौका है. एविएशन इंडस्ट्री के लिए 27 मार्च से लेकर जून तक पीक सीजन होता है. उसके बाद अक्टूबर तक यात्रा त्योहारों के आधार पर जारी रहता है. एविएशन इंडस्ट्री को इससे काफी उम्मीद है.
बड़ी संख्या में लोग घूमने का प्लान बना रहे
इसके साथ ही इंडस्ट्री रिवेंज ट्रैवल का पैटर्न देखा जा रहा है. साथ ही महामारी के खत्म होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग घूमने का प्लान बना रहे हैं. इसको देखते हुए एविएशन इंडस्ट्री के लिए यह एक बेहतरीन मौका बताया जा रहा है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरलाइन में ऑपरेशन के सुधार के बावजूद जहाज के टरबाइन ईंधन (फ्यूल) (ATF) की बढ़ी "ऊंची" कीमतों का फाइनेंशियल ईयर 2022 में एयरलाइन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ता रहेगा. मार्च 2022 तक ATF (फ्यूल) की कीमतों में लगभग 57% की तेज बढ़ोत्तरी देखी गई है. इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि है. यह, विमान बेड़े के अपेक्षाकृत कम क्षमता उपयोग के साथ, वित्त वर्ष 2012 में भारतीय वाहकों के वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित करता रहेगा.