Go First Flight Ticket Refunds: संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) के पैसेंजर्स के लिए थोड़ी राहत भरी खबर है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिफंड के पैसे वापस करने के लिए नोटिस जारी किया है. Go First से टिकट खरीदने वाले करीब 15.5 लाख पैसेंजर्स के 597.54 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर (RP) ने यात्रियों को पैसे वापस करने की अनुमति मांगने के लिए NCLT का रुख किया है. 

3 मई से बंद है एयरलाइन की सर्विस

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बता दें कि गो फर्स्ट (Go First) ने अपनी विमान सेवाएं तीन मई को बंद कर दी थी, जबकि कुछ यात्रियों ने 10 जुलाई तक के लिए एयरलाइन की टिकट खरीदी थीं. एयरलाइन ने आज ही ट्वीट कर बताया कि 3 अगस्त तक एयरलाइन की सभी सर्विस को कैंसिल कर दिया है. 3 मई से गो फर्स्ट लगातार इस तारीख को आगे बढ़ा रही है. 

 

एयरलाइन को बहाल करने की तैयारी

समाधान पेशेवर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि यह बंद पड़ी एयरलाइन को बहार करने की व्यावसायिक योजना के तहत किया जा रहा है. NCLT की पीठ ने कहा कि ऐसी व्यवसाय योजना की व्यवहार्यता तथा क्रियान्वयन ऋणदाताओं की समिति (COC) के सदस्यों के सुझावों के तहत होनी चाहिए. 

महेंद्र खंडेलवाल तथा राहुल पी. भटनागर वाली NCLT की पीठ ने समाधान पेशेवर से राशि की वापसी पर ऋणदाताओं से विशेष मंजूरी लेने को कहा. श्रीनिवासन ने कहा कि सीओसी को इसकी जानकारी है और उन्होंने इसकी मंजूरी दे दी है. बहरहाल उन्होंने इस बात का पता लगाने के लिए समय मांगा कि क्या इस विशिष्ट योजना को सीओसी ने मंजूरी दी है या नहीं. 

रिफंड के लिए बनाए योजना    

NCLT ने कहा कि योजना में बार-बार बदलाव किया जा रहा है इसलिए यह बेहतर होगा यदि पैसे वापस करने के लिए एक विशिष्ट समाधान निकाला जाए. यह भी पता लगाया जाए कि क्या किसी ने इस योजना पर आपत्ति जतायी है या नहीं. इस पर श्रीनिवासन ने कहा कि यह जनहित में किया जा रहा है और उन्होंने इस मुद्दे में नियामक भारतीय दिवाला व ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) को पक्ष बनाने का सुझाव दिया. 

पीठ ने इससे सहमत होते हुए कहा, "हम COC और IBBI को नोटिस जारी कर मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हैं." इस मामले पर आगे की सुनवाई सात अगस्त को होगी.

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