Go First Crisis: फाइनेंशिय क्राइसिस और इंजन की कमी से जूझ रही एयरलाइन कंपनी Go First की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. एविएशन रेगुलेटर DGCA ने गो फर्स्ट को टिकटों की बुकिंग और बिक्री पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही डीजीसीए ने कंपनी से लोगों को पैसे वापस करने का प्रोसेस शुरू करने को कहा है. DGCA ने Go First को नोटिस जारी करते ये बताने को कहा है कि अचानक कैंसिल हुई इन फ्लाइट्स के चलते आपके ऊपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं किया जाए और आपका लाइसेंस क्यों रद्द नहीं किया जाए. एयरलाइन को इसका जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. 

12 मई तक कैंसिल हैं Go First के सभी फ्लाइट्स

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इसके पहले Go First ने ट्विटर पर बताया था कि एयरलाइन ने ऑपरेशनल दिक्कतों के चलते 12 मई, 2023 तक अपनी सभी शेड्यूल्ड विमानों की उड़ानों को रद्द कर दिया है. इसके पहले कंपनी ने उड़ानों को पांच मई और नौ मई तक के लिए कैंसिल किया था. वहीं एयरलाइन ने 15 मई तक अपनी टिकटों की बुकिंग को बंद किया था.

 

Go First ने NCLT से जल्द फैसला लेने का किया अनुरोध

Go First ने सोमवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) से अनुरोध किया कि उसकी स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर जल्द फैसला किया जाए. इसबीच पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. न्यायाधिकरण ने चार मई को गो फर्स्ट की याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

पट्टेदारों ने Go First के विमानों का रजिस्ट्रेशन किया कैंसिल

वरिष्ठ अधिवक्ता पी नागेश ने प्रांजल किशोर के साथ रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ के समक्ष सुबह मामले का उल्लेख किया. उन्होंने न्यायाधिकरण से अनुरोध किया कि उसकी याचिका पर जल्द फैसला किया जाए, क्योंकि पट्टेदारों ने एयरलाइन के विमान का पंजीकरण रद्द करना शुरू कर दिया है. पीठ ने गो फर्स्ट के अनुरोध पर विचार करने की बात कही. 

पट्टेदारों ने 20 से अधिक विमानों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. वाडिया समूह की फर्म ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर करने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से संपर्क किया है. गो फर्स्ट पिछले 17 वर्षों से उड़ान भर रही है और उसने 15 मई तक टिकटों की बिक्री को निलंबित कर दिया है.

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