Go First की परेशानी पिछले साल मई में सिर्फ तीन दिन के लिए उड़ान निलंबन से शुरू हुई थी, और उसके बाद उसने स्वैच्छिक रूप से दिवाला समाधान विकल्प को अपनाने का दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय लिया गया. अब एक साल बीतने के बाद भी विमान रहित Go First का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. जून में समाधान प्रक्रिया के लिए विस्तारित समयसीमा समाप्त हो रही है, हालांकि पुनरुद्धार की उम्मीद बहुत कम हैं. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि एयरलाइन को परिसमापन की प्रक्रिया में भी लाया जा सकता है. 

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एयरलाइन के पूर्व प्रमुख कौशिक खोना ने बताया, "यह देखना बेहद दुखद है कि एक साल बाद भी एयरलाइन परिचालन शुरू नहीं कर पाई है." 

धूल खा रहे हैं गो फर्स्ट के विमान

Go First ने तीन मई, 2023 के बाद से उड़ान नहीं भरी है. इसके नीले और सफेद रंग के A320 विमान हवाई अड्डों पर धूल खा रहे हैं. अधिकांश कर्मचारी जा चुके हैं और कई अनिश्चित समय का सामना कर रहे हैं. इसके जल्द से जल्द पटरी पर आने की उम्मीदें और भी कम हो गई हैं, क्योंकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद एयरलाइन के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और अब पट्टेदार विमान को वापस ले लेंगे. 

उन्होंने कहा, "इस एयरलाइंस का बंद होना सभी ग्राहकों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है... पुनरुद्धार हमेशा संभव था और मुझे उम्मीद है कि जो लोग शीर्ष पर हैं, वे ऐसा करेंगे." 

एयरबस को किया 20 करोड़ डॉलर का भुगतान

उद्योग के सूत्रों के अनुसार, पुनरुद्धार मुश्किल लग रहा है, लेकिन एयरलाइन में बहुत मूल्य बचा हुआ है. एयरलाइन ने 72 विमानों के लिए अपने दूसरे ऑर्डर के लिए एयरबस को लगभग 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था. 

प्रबंधन सलाहकार प्राइमस पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक श्रवण शेट्टी ने कहा कि Go First दुर्भाग्य से पुनरुद्धार की लागत बढ़ने के साथ परिसमापन की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक लंबी एनसीएलटी प्रक्रिया के कारण मूल्य खत्म होने का एक और मामला होगा.