वित्तीय संकट से घिरी जेट एयरवेज (Jet Airways) के बोर्ड से कंपनी के संस्थापक व प्रमोटर नरेश गोयल व पत्नी अनिता गोयल ने इसी हफ्ते इस्तीफा दिया है. इस बीच बैंकों ने ड्राफ्ट एग्रीमेंट में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी घटाने की शर्त रख दी है. सूत्रों की मानें तो प्रवर्तकों को हिस्‍सेदारी 10% से भी कम पर ले जाने की बात माननी होगी. साथ ही जेट एयरवेज के नए खरीदार की डील में अड़ंगा नहीं लगाने की शर्त रखी है.

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नए खरीदार को मिलेगा 60 फीसदी हिस्सा

सूत्रों ने बताया कि ड्राफ्ट में नए खरीदार के पास 60% से अधिक हिस्सेदारी का विकल्प रखा गया है. हालांकि गोयल की मंशा है कि जेट के लिए ऐसा खरीदार आए, जिससे बोर्ड सीट बची रहे. 

कुछ हिस्से की होगी रीस्ट्रक्चरिंग

सूत्रों ने बताया कि 8400 करोड़ रुपए के लोन के कुछ हिस्से की रीस्ट्रक्चरिंग का ऑप्शन भी रखा गया है. लोन का अहम हिस्सा कैश में, बाकी बचे लोन की रीस्ट्रक्चरिंग की जाएगी. इसके साथ ही बैंक नए खरीदार को एयरलाइन चलाने के लिए पूंजी भी देंगे. बैंक जेट एयरवेज के लोन पर हेयरकट नहीं लेना चाहते हैं.

जल्द शुरू होगी समाधान योजना

इससे पहले खबर आई थी कि जेट एयरवेज के लिए कर्जदाताओं द्वारा प्रस्तावित समाधान योजना जल्द शुरू होगी और जून में समाप्त होने वाली तिमाही तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की फाइलिंग में कहा थ कि समाधान योजना के तहत कर्जदाता जेट एयरवेज को 1,500 करोड़ रुपये की तत्काल अंतरिम वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे. फंसी हुई नकदी निकालने के लिए कंपनी भुगतान की मध्यवर्ती संस्थाओं को भी लगाएगी.

(रिपोर्ट : ब्रजेश कुमार)