Delhi Airport पर शुरू हुई RFID टैग की सुविधा, देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट, सामान की निगरानी होगी आसान
Delhi Airport: रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन तकनीक पर आधारित टैग सुविधा की मदद से पैसेंजर्स को पता चल सकेगा कि उनका सामान टर्मिनल में कब और किस बेल्ट पर आ रहा है.
Delhi Airport: दिल्ली एयरपोर्ट ने पैसेंजर्स के लिए आरएफआईडी टेक्नोलॉजी आधारित टैग (RFID tag) की शुरुआत की है, जिससे पैसेंजर्स को अपने सामान की निगरानी करने में आसानी होगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन तकनीक पर आधारित टैग सुविधा (RFID tag facility) की मदद से पैसेंजर्स को पता चल सकेगा कि उनका सामान टर्मिनल में कब और किस बेल्ट पर आ रहा है.
देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट
खबर के मुताबिक, जीएमआर ग्रुप की अगुवाई वाले डायल ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट भारत में इस सुविधा की पेशकश करने वाला पहला एयरपोर्ट (Delhi Airport) है. बयान में कहा गया कि पैसेंजर्स दिल्ली एयरपोर्ट पर इस टैग को खरीद सकेंगे. इसके बाद उन्हें इसपर दिए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा और वेबसाइट ‘बैग डॉट एचओआई डॉट इन’ (https://bag.hoi.in/) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिये मिलेगी जानकारी
टैग का रजिस्ट्रेशन होने के बाद यात्रियों को इसे अपने बैग में बांधना होगा या वे बैग के अंदर भी इसे रख सकते हैं. जब सामान दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर पहुंचेगा, तो पैसेंजर्स को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिये इस बारे में जानकारी मिलने लगेगी. बयान में कहा गया कि यह सुविधा अभी पायलट आधार पर टर्मिलन-3 पर शुरू की गई है और जल्द ही इसकी कमर्शियल शुरुआत की जाएगी.
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वैटिकन सिटी से भी बड़ा है टर्मिनल-3
दिल्ली एयरपोर्ट देश का एक ऐसा एयरपोर्ट है जिसका टर्मिनल-3, एरिया के मामले में दुनिया के सबसे छोटे आजाद देश वैटिकन सिटी से भी बड़ा है. दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi airport) का टर्मिनल-3 इतना विशाल है कि वह दुनिया के सबसे छोटे देश से भी बड़ा है. टर्मिनल-3 (Delhi airport terminal 3) का क्षेत्रफल 54 लाख वर्ग फुट है. जबकि वेटिकन सिटी की क्षेत्रफल 47 लाख फुट (47,36120 वर्ग फुट) ही है.