पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी और मेघालय के शिलॉन्ग में उमियाम नदी के बीच सीप्लेन सेवा शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी है. शिलॉन्ग के सांसद विंसेंट पाला ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले के संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री ने विचार को मंजूरी दी थी.

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पानी पर उतारने और उतरने में सक्षम 

सीप्लेन एक तरह का हवाई जहाज है, जो फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट है. यह पानी पर उतारने और उतरने में सक्षम है. इसे उभयचर विमान भी कहा जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने देश में पानी के एयरोड्रोम स्थापित करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. ओडिशा में चिल्का झील, सरदार सरोवर बांध और गुजरात में साबरमती रिवर फ्रंट की पहले चरण में जल एरोड्रोम स्थापित करने के लिए पहचान की गई थी.

यहां साइट की हुई है पहचान

यह भी बताया गया है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पानी के एयरोड्रोम के विकास के लिए पहले ही ओडिशा, गुजरात, असम, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में साइट की पहचान कर ली है. पिछले साल जून में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने जल एयरोड्रोम के लाइसेंस के लिए प्रक्रियाओं और आवश्यकताओं के बारे में विवरण के साथ नियम जारी किए.

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प्रशिक्षण केंद्र की मांग

शिलॉन्ग हवाई अड्डे से हवाई सेवाओं के बारे में, पाला ने हाल ही में एक बैठक में कहा कि उन्होंने स्पाइस जेट और इंडिगो जैसे एयरलाइन अधिकारियों से मेघालय में परिचालन शुरू करने का आग्रह किया था. नॉर्थ ईस्ट नाउ की खबर के मुताबिक, पाला ने यह भी कहा कि उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से शिलॉन्ग हवाई अड्डे पर एक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए कहा है, ताकि राज्य के युवा, जो विमानन क्षेत्र में करियर के लिए इच्छुक हैं, को प्रशिक्षित किया जा सके.