आप फ्लाइट से सफर करते हैं तो जाहिर है इसके लिए टिकट बुकिंग कराते हैं. यानी आप एक रकम किराये के रूप में चुकाते हैं. लेकिन कभी आपने यह गौर किया है कि आपने जो टिकट लिया है इसमें कौन-कौन से चार्ज शामिल होते हैं. आपको बता दें कि इसमें एक बेस फेयर होता है, इसके अलावा कई तरह के चार्ज और फीस भी शामिल होते हैं. तब जाकर एक तय रकम आप एयरलाइन कंपनी को चुकाते हैं. 

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किराये में शामिल चार्ज या फीस

डोमेस्टिक एयर टिकट (इकोनॉमी क्लास) में एयरफेयर चार्ज, एयरलाइन फ्यूल चार्ज, एविएशन सिक्योरिटी फीस, सीयूटीई चार्ज, पैसेंजर सर्विस फीस, आरसीएस फीस, सीट फीस और जीएसटी शामिल होता है. सीट फीस हालांकि सीट का सलेक्शन करने और अलग-अलग एयरलाइन कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है.

सीट फीस वेब चेक इन के समय पेमेंट करना होता है. इकोनॉमी क्लास में जीएसटी 5 प्रतिशत और बिजनेस क्लास में 12 प्रतिशत जीएसटी देना होता है. उदाहरण के लिए अगर डोमेस्टिक फ्लाइट का किराया 3255 रुपया है तो इसे यहां ऐसे समझ सकते हैं.

यहां पैसेंजर्स को मिली है राहत

बीते 1 अगस्त से फ्लाइट टिकट कैंसिल करने के नियम में बदलाव हुआ है. यह पहले से सस्ता हो गया है. एविएशन रेगुलेटरी बॉडी डीजीसीए के नए नियमों के मुताबिक एयरलाइंस कंपनियां बेस फेयर और फ्यूल चार्ज से ज्यादा कैंसिलेशन चार्ज नहीं काट सकती हैं. 

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अगर फ्लाइट कैंसिल हो जाए या पैसेंजर्स को बोर्डिंग से रोका जाता है तो  एयरलाइंस को 20,000 रुपए तक हर्जाना देना होगा. दरअसल, डीजीसीए ने सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) में संशोधन किया है. पहले यह सीमा 4,000 रुपए थी.