एयरपोर्ट पर अब आपका चेहरा ही होगा बोर्डिंग पास, नहीं होगी आईडी प्रूफ की जरूरत
यात्री का चेहरा ही उसका आईडी कार्ड होगा और चेहरा स्कैनिंग के बाद यात्री को बोर्डिंग पास जारी कर दिया जाएगा. इस सुविधा को 'डिजीयात्रा' नाम दिया गया है.
सरकार तमाम तरह की यात्राओं को ज्यादा से ज्यादा आरामदायक बनाने की दिशा में नित नए प्रयोग कर रही है, ताकि सफर के दौरान यात्रियों को किसी तरह की परेशानी की सामना नहीं करना पड़े. इसी क्रम में हवाई यात्रा के दौरान एयरपोर्ट में यात्री की चैकिंग सिस्टम में भी आसान बनाया जा रहा है. अब एयरपोर्ट पर यात्री को अपनी पहचान साबित करने के लिए किसी तरह के पहचान पत्र की जरूरत नहीं होगी, बल्कि यात्री का चेहरा ही उसका आईडी कार्ड होगा और चेहरा स्कैनिंग के बाद यात्री को बोर्डिंग पास जारी कर दिया जाएगा. इस सुविधा को 'डिजीयात्रा' नाम दिया गया है.
केंद्र सरकार बॉयोमीट्रिक सेल्फ बोर्डिंग टेक्नोलॉजी शुरू करने जा रही है. प्रयोग के तौर पर यह सुविधा अभी कर्नाटक के बेंगलुरु एयरपोर्ट पर शुरू की गई है. बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (बीआईएएल) पर इस तकनीक से यात्रियों का चेहरा देखकर एयरपोर्ट पर एंट्री मिल सकेगी और उन्हें बोर्डिंग पास जारी कर दिया जाएगा. बेंगलुरु के बाद यह सुविधा दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद एयरपोर्ट पर शुरू की जाएगी और फिर वाराणसी, विजयवाड़ा, पुणे और कोलकाता एयरपोर्ट्स पर बॉयोमीट्रिक सेल्फ बोर्डिंग टेक्नोलॉजी शुरू की जाएगी.
अभी इन कंपनियों के यात्रियों को मिलेगी सुविधा
बेंगलुरु एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस काम के लिए विजन बॉक्स नामक कंपनी से करार किया है. एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जेट एयरवेज, एयर एशिया और स्पाइसजेट के यात्रियों को यह सुविधा दी जाएगी और इसकी शुरूआत अगले साल मार्च तक हो जाएगी. अधिकारी ने बताया कि यह देखने में आया है कि अक्सर यात्री अपना आईडी कार्ड भूल जाता हैं जिससे उन्हें हवाई यात्रा के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस परेशानी को देखते हुए यह सुविधा शुरू की जा रही है, साथ ही यह सुविधा ज्यादा फुलप्रूफ है. अधिकारी ने यह भी बताया कि डिजीयात्रा सिस्टम यात्री के लिए अनिवार्य नहीं होगा, जो इस सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं, वे उठा सकते हैं. और यह सुविधा केवल घरेलू विमान सेवा के लिए लागू होगी, ना कि इंटरनेशनल के लिए. यह सिस्टम दुनियाभर के ज्यादातर एयरपोर्ट पर अपनाया जाता है. इस सुविधा को पेपरलेस सिस्टम के तहत शुरू किया जा रहा है.
क्या है डिजीयात्रा
‘डिजीयात्रा’ पहल देश को डिजिटल रूप देने और सिस्टम को पेपरलेस करने के लिए शुरू की गई है. “डिजीयात्रा” योजना, यूनिक आईडी जैसे भारतीय नागरिकों के आधार, पासपोर्ट या पैन कार्ड को पीएनआर की बुकिंग के लिए लिंक करना होगा. बुकिंग के समय यह सिस्टम हवाई टिकट के साथ यूआईडी लिंक करेगा और फिर यह डिजिटल बोर्डिंग पास के रूप में काम करेगा, जिसे आगे स्मार्टफोन के माध्यम से किसी हवाई अड्डे पर सभी बिंदुओं पर उपयोग किया जा सकता है.
डिजीयात्रा के फायदे
- इस सिस्टम से एयरपोर्ट पर चेक-इन और बोर्डिंग का समय आधा हो जाएगा.
- हवाई टिकट से जुड़ा यूआईडी एक डिजिटल बोर्डिंग पास के रूप में काम करेगा और स्मार्टफोन से हवाई अड्डे पर सभी काउंटर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.
- डिजीयात्रा से बोर्डिंग, चैकिंग और बाहर निकलने के दौरान लगने वाली लाइनें कम हो जाएंगी.
- डिजीयात्रा की सुविधा यात्री की इच्छा पर निर्भर करेगी. यात्री चाहें तो इस सुविधा के बाद भी लाइन में लगकर अपना बोर्डिंग पास बनवा सकेंगे.
- इस सिस्टम के बाद यात्री को अपने साथ कोई आईडी कार्ड लेकर नहीं चलना होगा.
- इस सिस्टम से एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी यात्रियों की संख्या और उन पर नजर रखने में भी मदद होगी.
- एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मियों के काम में भी कमी आएगी. विभिन्न स्तरों पर होने वाली जांच को कम किया जा सकता है.