केंद्र सरकार ने देश की इकलौती सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया (AIR INDIA) के निजीकरण के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय विमानन कंपनी के लिए टेंडर आमंत्रित करने की ईओआई महीने के अंत तक जारी की जाएगी. एयर इंडिया के विनिवेश पर मंत्रियों की समिति की मंगलवार को हुई बैठक के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. बैठक के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह सकारात्मक रहा और लिए गए निर्णयों पर एक बयान जल्द ही जारी किया जाएगा.

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सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) को कर्ज से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार है. सरकार ने विमानन कंपनी में विनिवेश (disinvestment) के लिए नया प्लान तैयार किया है. एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. वह लंबे समय से नुकसान में चल रही है और इसके पुनरुद्धार के प्रयासों के तहत सरकार ने विनिवेश का निर्णय लिया है. वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8556.35 करोड़ रुपये का कुल नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है.

पिछले साल सरकार (government) ने एयरलाइन को लेकर दोबारा कोशिशें की और इसके तहत व्यापक वित्तीय पैकेज और नॉन-कोर रीयल एस्टेट परिसंपत्तियों की बिक्री को शामिल किया गया था. इतने काम को अंजाम देने के बाद से एयरलाइन की वित्तीय स्थिति और परिचालन में सुधार हुआ है.

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सरकार द्वारा एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश किए जाने के बाद योजना शुरू की गई. हालांकि सरकारी क्षेत्र की विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया किसी बोलीदाता को आकर्षित करने में विफल रही. पिछले साल कंपनी की हालत इतनी खराब थी कि बिल बकाया होने के चलते तेल मार्केटिंग कंपनियों ने छह एयरपोर्ट पर एटीएफ की सप्लाई ही बंद कर दिया था.