राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के बंद होने की खरबों के बीच एयर इंडिया के सीएमडी (CMD) अश्वनी लोहानी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि एयर इंडिया के बंद होने की खबरें पूरी तरह से अफवाह हैं. उन्होंने ट्वीट करके जानकारी दी कि एयर इंडिया राष्ट्रीय विमानन कंपनी है और देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस है. ऐसे में इसके बंद होने का सवाल ही नहीं है.
 
चिंता करने की बात नहीं
एयर इंडिया के सीएमडी (CMD) अश्वनी लोहानी ने कहा कि एयर इंडिया (Air India)  लगातार एक्सपेंड कर रहा है. उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के यात्रियों, एजेंट्स और कर्मचारियों को किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है.
 
कर्मचारियों ने तैयार किया प्लान
एयर इंडिया (Air India) को कर्ज के बोझ से निकालने के लिए उसके कर्मचारियों ने नया प्‍लान तैयार किया है. Air India के ऊपर करीब 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है. सिविल एविएशन मिनिस्‍टर ऑफ स्‍टेट हरदीप सिंह पुरी के साथ बैठक में कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार अगर चाहे तो वह कंपनी का प्रबंधन संभाल सकते हैं. हालांकि पुरी ने कहा कि सरकार के पास इसके निजीकरण (Privatisation) के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
 
 
13 कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक
पुरी ने एयर इंडिया के 13 कर्मचारी संगठनों के साथ यहां एक बैठक की थी. एक कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि ने बताया कि पुरी ने बैठक में Air India के निजीकरण की प्रक्रिया में कर्मचारियों से बात की. प्रतिनिधि के अनुसार, पुरी ने कहा कि सरकार प्राइवेटाइजेशन के बाद रोजगार की सुरक्षा को लेकर कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश कर रही है. हालांकि संगठनों ने Air India के निजीकरण का विरोध किया और कहा कि यदि सरकार समर्थन दे तो कर्मचारी एयर इंडिया को चलाने में सक्षम हैं.
 
 
 
80 हजार करोड़ रुपये का कर्ज
प्रतिनिधि ने एक घंटे चली बैठक के बाद बताया, मंत्री ने कहा कि Air India के ऊपर 80 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है और किसी भी विशेषज्ञ के पास इसका समाधान नहीं है. ऐसी स्थिति में सरकार प्राइवेटाइजेशन करेगी. प्रतिनिधि ने कहा कि पुरी ने निजीकरण की प्रक्रिया में सभी कर्मचारी संगठनों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की.