हवाई मुसाफिरों को हैंड बैगेज या फिर अपने साथ लिक्विड ले जाने में 100 मिली की लिमिट हटाई जा सकती है. इस कदम के लिए एविएशन मंत्रालय लिक्विड एक्सप्लोसिव डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए मशीन लगाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. इस बार में मंत्रालय के अधिकारियों ने यूरोपियन फर्म के साथ इस तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की.

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यूरोपियन फर्म ने लिक्विड स्कैन करने को लेकर नई तकनीक पर एविएशन मंत्रालय को एक प्रेजेंटेशन दी है. मंत्रालय सुत्रों के मुताबिक, एक बार तकनीक फाइनल होने के बाद सरकार ऐसे लिक्विड स्कैनर को बतौर ट्रायल देश के एक दो बड़े मेट्रो एयरपोर्ट पर लगाएगी. लेकिन अल्कोहल को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 

अगर सब कुछ ठीक रहा तो सरकार इसे एयरपोर्ट पर लागू करेगी जिसके बाद हवाई मुसाफिर चुनिंदा तरल पदार्थ फ्लाइट में 100 मिली से ज़्यादा ले जा सकेंगे. इससे शैम्पू, पानी की बोतल, परफ्यूम, कॉस्मेटिक जेल, पेस्ट, लिक्विड मेडिसिन वगैरह ले जाने में राहत मिलेगी. 

स्कैनर में लिक्विड को स्कैन कर ये देख जाएगा कि वह लिक्विड कितना खतरनाक हो सकता है. डेंजरस लेवल 1-5 तक के पैमाने पर तय किया जा सकेगा. जिसके बाद सीआईएसएफ अधिकारी तय करेंगे कि लिक्विड ले जा सकते हैं या नहीं. लिक्विड स्कैनर को अभी अमेरिका समेत कई यूरोपीय मुल्क ने अपने एयरपोर्ट पर अपनाया हुआ है.  फिलहाल, भारत में लिक्विड ले जाने पर मात्र को लेकर 100 मिली तक की इजाजत है.