अडाणी समूह गुवाहाटी हवाईअड्डे के परिचालन के लिये सबसे ऊंची बोली लगाने वाले के रूप में उभरा है. भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा. इससे पहले, समूह पांच अन्य हवाईअड्डों के लिये सबसे ऊंची बोली लगाने वाले के रूप में उभरा था. एएआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अडाणी समूह ने गुवाहाटी हवाईअड्डे के लिये 160 रुपये प्रति यात्री शुल्क की बोली लगाई. इसका मतलब है कि अडाणी समूह ने निजीकरण के लिये रखे गए सभी छह हवाईअड्डों के लिये बोली जीत ली है.’’

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निजीकरण के लिये बोली मंगाई थी

अडाणी समूह के बाद दूसरी सर्वाधिक बोली राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) तथा ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी से संयुक्त रूप से 155 रुपये प्रति यात्री की बोली लगाई. तीसरे और चौथे स्थान पर क्रमश: एएमपी कैपिटल तथा जीएमआर एयरपोर्ट लिमिटेड रही जिसने क्रमश: 136 रुपये तथा 59 रुपये प्रति यात्री शुल्क की बोली लगाई. सरकार ने पिछले साल एएआई द्वारा संचालित छह हवाईअड्डों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अंतर्गत निजीकरण के लिये बोली मंगाई थी. 

सबसे कम 18 रुपये की बोली

पीएनसी इंफ्राटेक ने सबसे कम 18 रुपये की बोली लगाई. पांच अन्य हवाईअड्डों- अहमदाबाद, तिरूवनंतपुरम, लखनऊ, मैंगलुरु और जयपुर के लिये बोलियां सोमवार को खुली. इसमें अडाणी समूह सर्वाधिक बोली लगाने वाली कंपनी बनकर उभरा है. कुल 11 अरब डॉलर की सालाना आय कमाने वाला विविध कारोबार से जुड़ा समूह हवाईअड्डा क्षेत्र में दस्तक दे रहा है. उसने छह हवाईअड्डों के लिये 50 साल का अनुबंध हासिल किया है.

(इनपुट एजेंसी से)