हेलमेट इस्तेमाल और पैदल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जाहिर की. WHO ने दुनियाभर के नीति निर्माताओं के लिए 2 तरह के गाइडलाइंस जारी किए हैं. यह गाइडलाइंस 2-व्हीलर्स और 3-व्हीलर्स के के लिए चालकों के हेलमेट इस्तेमाल और पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर है. संगठन के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक रोड एक्सीडेंट में हर साल 13 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है, यानी एक मिनट में 2 लोगों से ज्यादा की मौत होती है. मरने वाले हर 10 में से 9 लोग लो और मिडिल इनकम वाले देश से होते हैं. आधिकारिक बयान में WHO ने कहा कि रोड एक्सीडेंट में मरने वालों में सबसे ज्यादा बच्चे और नौजवान हैं, जिनकी उम्र 5 से 29 साल के बीच होती है. 

जीवन सुरक्षा के लिए हेलमेट है जरूरी

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WHO के सेफ्टी और मोबिलिटी डिपार्टमेंट के हेड डॉ न्हान ट्रॅन ने कहा कि नई गाइडलाइन से मोबिलिटी सिस्टम को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी. इससे 2030 तक एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि  मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल और ई-बाइक तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में लाइफ सेविंग हेलमेट का उपयोग जरूरी है। नया मैनुअल यह निर्धारित करती है कि जीवन बचाने में मदद करने के लिए क्या काम करता है?

रोड एक्सीडेंट में पैदल चलने वालों की मौतें बढ़ी

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट के मुताबिक फुल फेस कवर करने वाले हेलमेट से एक्सीडेंट में चोटिल होने की संभावना 64 फीसदी कम हो जाती है, जबकि दिमागी चोट भी करीब  74 फीसदी तक कम हो जाती है. IIT दिल्ली की प्रोफेसर गीतम तिवारी के मुताबिक 2013 से 2016 के दौरान दुनियाभर में रोड एक्सीडेंट में पैदल चलने वाले यात्रियों की मौत की संख्या करीब दोगुनी बढ़ी. केवल भारत में रोड एक्सीडेंट में कुल मौतों में करीब 30 फीसदी पैदल यात्री होते हैं. देश के कुछ बड़े शहरों में पैदल यात्रियों की मौतों की संख्या और भी ज्यादा हैं. 

उन्होंने कहा कि सड़क पर्यावरण में सुधार, कानून को मजबूत करना और सड़क यूजर्स को जागरुक करने और उनके व्यवहार को बदलने के कार्यों सहित, पैदल चलने वालों की सुरक्षा में काफी सुधार हो सकता है.