कार, स्कूटर या बाइक खरीदने की सोच रहे हैं तो अब आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि सरकार गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस (Registration Fees) बढ़ाने की तैयारी में है. सरकार की कोशिश ई-व्हीकल्स (Electric Vehicles) को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करने की है, इसलिए पेट्रोल डीजल से चलने वाली गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाई जा सकती है. गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस में ये बढ़ोतरी दोगुना से लेकर 10 गुना तक है. 

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महंगी होंगी नई गाड़ियां

गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ाने के लिए सड़क परिवहन मंत्रालय ने ड्रॉफ्ट जारी किया है. ड्रॉफ्ट के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन महंगा होगा. सरकार ई-व्हीकल्स (Electric Vehicles) को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है. इसलिए, ई-व्हीकल पर रजिस्ट्रेशन फीस नहीं लेने का प्रस्ताव दिया गया है. सरकार ने ड्रॉफ्ट पर एक महीने में राय मांगी है.

पुरानी गाड़ियां भी महंगी होंगी

इसके अलावा पुरानी गाड़ियों पर फिटनेस सर्टिफिकेट की फीस बढ़ाने की योजना है. 15 साल पुराने गाड़ियों की फिटनेस 1 साल के बजाय हर 6 महीने में करवानी होगी. साथ ही, 15 साल पुरानी गाड़ियों की फिटनेस फीस ज्यादा होगी. इसके अलावा, रिन्यूअल सर्टिफिकेट लेने में देरी पर एकस्ट्रा चार्ज देना होगा.

इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता करना की तैयारी

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोमोट करने के लिए सरकार ने जीएसटी भी कम कर दिया है. जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया. नई दरें 1 अगस्त से लागू होंगी. जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक में यह फैसला किया गया. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.