PM eBus Sewa By Cabinet: देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने PM-eBus Sewa को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने आज इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है. इस सर्विस के लिए केंद्र सरकार 57613 करोड़ रुपए खर्च करेगी. देश में ग्रीन मोबिलिटी (Green Mobility) को बढ़ावा देने के लिए और देश में पर्यावरण की हालत में सुधार लाने के लिए कैबिनेट ने PM-eBus Sewa को मंजूरी दी है. इस सर्विस के तहत 169 शहरों में इलेक्ट्रिक बसों को शुरू किया जाएगा. इसके लिए 10000 बसों का अलाटमेंट होगा. बता दें कि जनसंख्या के आधार पर शहरों का चुनाव किया जाएगा. इस योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए भारत सरकार देगी. ये स्कीम PPP मॉडल पर चलाई जाएगी. 

2037 जारी रहेगी स्कीम

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कैबिनेट मीटिंग के बाद ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने PM-eBus Sewa को मंजूरी दे दी है. इसके तहत 10000 बसों का संचालन किया जाएगा. जनसंख्या के आधार पर 169 शहरों का चुनाव किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि ये स्कीम साल 2037 तक जारी रहेगी. 

केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 2011 की जनसंख्या के मुताबिक, 3 लाख या उससे ज्यादा की जनसंख्या वाले केंद्र शासित प्रदेश, पहाड़ी इलाके और नॉर्थ ईस्टर्न रीज़न को कवर करेगी. बता दें कि जिन शहरों में व्यवस्थित बस सेवा नही होगी, उन शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी. 

45000 नौकरियां निकलेंगी

ग्रीन अर्बन मोबिलिटी इनीशिएटिव्स के तहत इस योजना को बाद में 181 शहरों तक बढ़ाया जाएगा. सरकार का कहना है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद 45000 लोगों को नौकरी का अवसर मिलेगा. ये स्कीम 10 साल तक वैलिड यानी लागू रहेगी. बता दें कि सरकार इस स्कीम को 2 सेगमेंट में लेकर आएगी. 

क्यों लाई जा रही है ये स्कीम?

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को चार्ज करने के लिए इस स्कीम को लाया जा रहा है. इसके अलावा सरकार ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए इस योजना को लेकर आ रही है. ये स्कीम 10 साल तक लागू रहेगी. इसके लिए सरकार ने 57613 करोड़ रुपए का आवंटन किया है. 

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