अगले महीने देश का यूनियन बजट पेश होगा. एक फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का वित्त मंत्री देश का बजट पेश कर सकती हैं. बजट की तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं. ऐसे में ऑटो सेक्टर की ओर से कुछ उम्मीदें और सुझाव सामने आए हैं. ऑटो सेक्टर में ईवी सेगमेंट की ओर से खासतौर पर बजट के लिए अपनी मांगें रखी गई हैं. इसमें कंपनियों की ओर से अलग-अलग मांग रखी गई है. ऑटो इंडस्ट्री खास तौर पर ईवी सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों की ओर से मांगें सामने आई हैं. कंपनियों ने ईवी पर सरकार को और फोकस करने की बात कही है. इसके अलावा ईवी की बैटरी मैन्युफैक्चरिंग पर ज्यादा फोकस करने और संबंधित क्षेत्र में कुछ ऐलान करने की भी मांग की है. 

EV पर फोकस करें सरकार

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ईवी कंपनी Komaki Electric ने बजट से अपनी उम्मीदें साझा की हैं. कंपनी टैक्स इन्सेन्टिव्स, ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर और घरेलू बैटरी मैन्युफैक्चरिंगको लेकर सरकार से कुछ करने की मांग की है. इसके अलावा ईवी लोन कम करने की भी मांग की गई है. इतना ही नहीं, ईवी बैटरी पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करना है. 

इसके अलावा इलेक्ट्रिक बाइक बनाने वाली कंपनी Oben Electric ने भी सरकार के आगे अपनी मांग रखी है. कंपनी ने कहा कि जीएसटी स्ट्रक्चर को सिंपल करना जरूरी है. इसके अलावा चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर सुचारू रूप से काम करें, इस पर भी फोकस करना है. वहीं बैटरी बनाने वाली कंपनियों के लिए PLI स्कीम का ऐलान किया जा सकता है. इसके अलावा ईवी लोन्स पर ब्याज दर को कम किया जा सकता है. 

EV इंफ्रा पर हो सरकार का फोकस

बजट से अलग-अलग ईवी कंपनियों ने अपने सुझाव रखे हैं. इसी सिलसिले में Maxvolt Energy ने भी सरकार के सामने अपनी उम्मीदें रखी हैं. कंपनी ने घरेलू बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर फोकस करने के लिए कहा है. इसके अलावा R&D पर इन्सेंटिव्स को बढ़ाने पर फोकस करने की बात कही गई है. 

इसके अलावा ईवी बनाने वाली घरेलू कंपनी ZELIO E Mobility ने भी बजट से अपनी उम्मीदें जताई हैं. कंपनी ने मांग रखते हुए कहा कि सरकार लॉन्ग टर्म के लिए सब्सिडी का ऐलान कर सकती है. इसके अलावा ईवी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वालों के लिए सब्सिडी का ऐलान किया जाए.