बुलेट जैसी हैवी बाइक चलाने वाले लोगों से ट्रैफिक पुलिस को एक खास शिकायत रहती है. ये शिकायत होती है कि ये लोग अपनी बाइक में साइलेंसर ब्लास्ट जैसी टेक्नोलॉजी को इंस्टॉल करते हैं और जोर-जोर से आवाज निकालकर सड़क पर हुडदंग मचाते हैं. इस तरह की हरकतें ज्यादातर रॉयल एनफील्ड की बुलेट (Royal Enfield Bullet) में देखी जाती हैं. इन बाइक में लोग साइलेंसर में थोड़े बहुत बदलाव करके उससे इतनी तेजी आवाज निकालते हैं, जिससे आसपास के लोगों को काफी परेशानी होती है. इसी समस्या को देखते हुए गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने 189 बाइक सवारों के खिलाफ चालान जारी किए हैं. इन 189 बाइक सवारों में ज्यादातर बाइक रॉयल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल और प्रेशर हॉर्न के हैं. 

मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन

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गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस इन बाइक सवारों के खिलाफ सख्त हो गई है. ट्रैफिक पुलिस ने साइलेंसर ब्लास्ट के नाम पर 189 बाइक के खिलाफ चालान जारी किए हैं. ये एक तरह की टेक्नोलॉजी होती है, जो सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स की धारा 120 और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 190 (2) के तहत साइलेंसर से शोर बचाना कहा जाता है. 

इस तकनीकी के जरिए आमतौर पर मोटरसाइकिल के तेज स्पीड होने पर इंजन को बंद करके दोबारा शुरू किया जाता है, इससे बाइक से पटाखे जैसी आवाज निकलती है. ये तरीका बुलेट जैसी भारी इंजन वाली मोटरसाइकिल में हो सकता है. 

18 लाख का जुर्माना वसूला

पुलिस उपायुक्त (यातायात) ने कहा कि पिछले महीने गुरुग्राम पुलिस द्वारा साइलेंसर ब्लास्ट और प्रेशर हॉर्न का उपयोग करके यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था. अभियान के दौरान कुल 189 चालान किए गए, जिनमें से 94 चालान साइलेंसर ब्लास्ट के लिए और 95 प्रेशर हॉर्न के लिए थे. इन मामलों में 18.90 लाख रुपये जुर्माना वसूला.

पकड़े जाने पर कितना भुगतान

ट्रैफिक पुलिस ने आगे बताया कि उनका लक्ष्य गुरुग्राम की सड़कों को सुरक्षित बनाना है और सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है. गुरुग्राम की ट्रैफिक पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि बाइक पर क्रैकर या प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल ना करें. अगर बाइक में साइलेंसर ब्लास्ट का इस्तेमाल किया जाता है और ट्रैफिक पुलिस पकड़ लेती है तो इसका 1000 रुपए का जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है.