सुजुकी (Suzuki) मोटर कॉर्प और टोयोटा (Toyota) ने बीते साल ऐलान किया था कि वे एक-दूसरे ब्रांड की कुछ कारें बेचेंगी. उस समय तय हुआ था कि मारुति हर साल 25 हजार बलेनो कारें टोयोटा मोटर को बेचने के लिए देगी. टोयोटा इतनी कारें क्रॉस बैज प्रोडक्‍ट करार के तहत बेचेगी. अब खबर आ रही है कि टोयोटा 2019 की दूसरी छमाही यानि जून के बाद से बलेनो को अपने डीलरशिप नेटवर्क के जरिए बेचेगी. बाद में वह विटारा ब्रेजा की बिक्री भी शुरू करेगी. जबकि मारुति टोयोटा करोला की बिक्री करेगी. अभी यह साफ नहीं है कि टोयोटा बलेनो की बिक्री से पहले उसके लुक में बदलाव करेगी या नहीं. 

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ऑटो बाजार में पहले भी हुआ है ऐसा

ऑटो बाजार में यह नई पहल नहीं है जब ये दोनों ऑटो कंपनियां एक-दूसरे की कारें बेचेंगी. 1 साल पहले भी इन दोनों कंपनियों ने ऐसा करार किया था. दोनों ने मिलकर भारतीय बाजार के लिए एक-दूसरे को बिजली और पेट्रोलियम ईंधन, दोनों तरह से चलने वाली कुछ हाइब्रिड कारों और अन्य वाहनों की आपूर्ति करने का करार किया था.

क्‍या बदलाव संभव हैं

कारवाले की रिपोर्ट में कहा गया है कि बलेनो का निर्माण सुजुकी की गुजरात स्थित फैक्‍ट्री में चल रहा है. कंपनी इसमें कुछ बदलाव करेगी. मसलन हेड लैंप, टेल लैंप और फ्रंट ग्रिल को बदला जाएगा. 

मेक इन इंडिया मुहिम को मिलेगा समर्थन

दोनों कंपनियों ने करार के वक्‍त कहा था कि इस अनुबंध के तहत आने वाले मॉडलों के कल-पुर्जे उम्मीद के अनुसार भारत में ही जुटाए जाएंगे ताकि सरकार की मेक इन इंडिया जैसी मुहिम को समर्थन मिल सके.

दोनों कंपनियों के बीच तय हुईं सभी शर्तें

जापान में कंपनियों के अधिकारियों के बीच हुई हालिया बैठक में तय हुआ था कि इस करार की शुरुआत बलेनो से होगी. कारों में क्‍या बदलाव होगा, यह तय हो गया है. साथ ही कितनी कारें एक-दूसरे को दी जाएंगी, यह भी तय है. दोनों कंपनियों के प्रवक्‍ताओं ने इस खबर पर टिप्‍पणी करने से इनकार किया है. 2015 में लॉन्चिंग के बाद से ही बलेनो मारुति सुजुकी के लिए दमदार प्रोडक्‍ट साबित हुई है. हर माह इसकी करीब 15 हजार इकाई बिक रही हैं.

रिनॉल्‍ट और निसान कर चुके हैं ऐसा करार

पहले रिनॉल्‍ट और निसान ऐसा प्रयोग कर चुके हैं. इसके अलावा फोक्‍सवैगन और स्‍कोडा में भी ऐसा ही करार हुआ था. रिनॉल्‍ट और निसान के बीच डस्‍टर और टेरेनो की बिक्री को लेकर समझौता हुआ था. वहीं फोक्‍सवैगन और स्‍कोडा के बीच वेंटों व रैपिड को लेकर करार हुआ था.