सस्ती हाइब्रिड कार साथ मिलकर लाएंगी ये दो दिग्गज कंपनियां, भारत को मिलेगी सौगात
Hybrid Car: दोनों कंपनियों के साथ आने का मकसद लागत कम करना और भारत में सस्ती हाइब्रिड कार की जरूरत को पूरा करना है.
आने वाले समय में भारत में सस्ती हाइब्रिड कारें सड़कों पर सरपट दौड़ेंगी. इससे ईंधन की बचत तो होगी ही, साथ में बढ़ते प्रदूषण से भी राहत मिलेगी. दुनिया की दो दिग्गज कार कंपनियां टोयोटा और सुजुकी साथ मिलकर भारत के लिए सस्ती हाइब्रिड कारें बनाने पर काम कर रही हैं. कंपनियों की मानें तो अगले तीन साल में दोनों कंपनियों इस संयुक्त प्रयास के तहत पहली सस्ती हाइब्रिड कार बाजार में दस्तक देगी.
इसलिए साथ आईं दोनों कार कंपनियां
दोनों कंपनियों के साथ आने का मकसद लागत कम करना और सस्ती हाइब्रिड कार की जरूरत को पूरा करना है. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के वाइस चेयरमैन और पूर्णकालिक डायरेक्टर शेखर विश्वनाथन कहते हैं कि दोनों कंपनियों के साथ आने की एक बड़ी वजह यह है कि दुनिया में कोई भी अकेली कंपनी रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर अकेले निवेश नहीं करना चाहती हैं, क्योंकी उसे यह नहीं पता कि इसका निष्कर्ष या अंतिम परिणाम क्या निकलेगा. बेहतर यही है कि एक स्टेज पर तकनीक को खरीदना ही बेहतर है, क्योंकि टेक्नोलॉजी विकसित करने पर लागत नहीं के बराबर होगी.
टोयोटा के पास खास हाइब्रिड तकनीक
टोयोटा के पास हाइब्रिड कार बनाने की खास तकनीक है और कंपनी ने सुजुकी के साथ इस तकनीक को साझा करने का फैसला किया है, ताकि प्रत्येक हाइब्रिड कार बनाने की लागत में कमी आए और सस्ती हाइब्रिड कार बनाई जा सके. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, विश्वनाथन का कहना है कि इस पहल से दोनों कंपनियों को फायदा होगा. उनका कहना है कि दोनों कंपनियों की आपसी साझेदारी से एक बेहतरीन प्रोडक्ट बाजार में आएगा.
सरकार के नियमों का पालन
टोयोटा और सुजुकी दोनों को साथ आने के बाद भारत सरकार के कठोर ईंधन दक्षता नियमों का पालन करना होगा. भारत ने कॉर्पोरेट औसत ईंधन दक्षता मानदंड अपनाया है. इसके तहत वर्ष 2021 से कंपनियों को कार की ईंधन दक्षता को 10 प्रतिशत और वर्ष 2022 से 30 प्रतिशत अधिक बढ़ानी होगी. सरकार ने शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए कहा है लेकिन बैटरी चार्जिंग स्टेशन के मामले की वजह से इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है.
दोनों कंपनियों में साझेदारी
टोयोटा और सुजुकी में एक समझौता हुआ है जिसके तहत दोनों एक दूसरे की गाड़ियां बेचेंगी. भारत में इन गाड़ियों में सुजुकी की विटारा ब्रेजा (कॉम्पैक्ट एसयूवी) और बलेनो (प्रीमियम हैचबैक) की बिक्री टोयोटा करेगी और टोयोटा की सेडान कारें सुजुकी अपने आउटलेट पर बेचेगी. दोनों इस प्रक्रिया में भी जुटी हैं कि कैसे टोयोटो की बेंगलुरु संयंत्र में सुजुकी की कारें बन सकें.