टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की ओर स्थानांतरण की एक व्यवस्थित योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि एक लॉन्ग टर्म प्लानिंग के जरिए समूची व्यवस्था को इसके लिए तैयार किया जा सके. उद्योग के अन्य लोगों ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की है. एन चंद्रशेखरन का बुधवार को यह बयान ऐसे समय आया है जबकि कुछ प्रमुख दोपहिया कंपनियों ने नीति आयोग के 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की योजना का विरोध किया है. नीति आयोग की योजना 2025 तक 150 सीसी तक के इंटरनल कम्बशन इंजन (आईसीई) से चलने वाले दोपहिया पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की है.

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चंद्रशेखरन ने बयान में कहा कि लॉन्ग टर्म ट्रांसपोर्टेशन के लिए ईवी की ओर स्थानांतरण महत्वपूर्ण है. लेकिन इसके लिए योजना बनाई जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरा इको सिस्टम इसके लिए तैयार है. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘सरकार और उद्योग को इसके लिए कई वर्षों की रूपरेखा बनानी चाहिए. इसमें लक्ष्य तय किए जाने चाहिए, ताकि सभी प्रतिभागी साझा उद्देश्यों को समझ सकें, क्षमता और ढांचा तैयार कर सकें.’’

 

टाटा समूह की टाटा मोटर्स देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अग्रणी कंपनी है. टाटा मोटर्स को एक अन्य घरेलू कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की ईईएसएल से इलेक्ट्रिक कारों की आपूर्ति का आर्डर मिला है. इन कारों का इस्तेमाल विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उचित प्रोत्साहनों के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मांग बनाई जानी चाहिए. 

चंद्रशेखरन ने कहा कि ऐसे में सरकार और उद्योग को मिलकर काम करने की जरूरत है. पूर्व में मर्सिडीज बेंज, टोयोटा, होंडा जैसी वाहन कंपनियां भी इलेक्ट्रिक वाहन नीति लाने की मांग कर चुकी हैं.