Suzuki Motor Corporation Latest News: देश और दुनिया में इलेक्ट्रिक और ग्रीन मोबिलिटी को लेकर कई कंपनियों ने अपनी कमर कस ली है. अब ज्यादातर कंपनियां अपनी मौजूदा कार या स्कूटर मॉडल के इलेक्ट्रिक वेरिएंट को लाने पर काम कर रही है. केंद्र सरकार का भी फोकस इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर काफी ज्यादा है. ऐसे में मारुति सुजुकी की मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (Suzuki Motor Corporation) ने भारत की ग्रोथ को देखते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. कंपनी ने भारतीय बाजार की ग्रोथ को देखते हुए ये कहा है कि वो भारत को अपना वैश्विक इलेक्ट्रिक कार विनिर्माण केंद्र बनाने की योजना बना रही है, जिसमें वाहनों की पहली खेप 2025 की शुरुआत में पेश होने की उम्मीद है. 

गुजरात प्लांट में शुरू होगा प्रोडक्शन

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कंपनी ने जानकारी दी कि वो गुजरात प्लांट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का प्रोडक्शन शुरू करेगी और उन्हें जापान में भी निर्यात करेगी. जापान के निक्केई अखबार में बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी यूरोपीय बाजारों के लिए साझेदार टोयोटा मोटर को भारत निर्मित ईवी की आपूर्ति करने पर भी विचार करेगी, जिन्हें टोयोटा ब्रांड के तहत बेचा जाएगा. 

छोटी SUV जापान में होंगी एक्सपोर्ट

भाषा की खबर के मुताबिक, निक्केई ने कहा कि सुजुकी गुजरात संयंत्र में इलेक्ट्रिक कारों के लिए एक नई उत्पादन लाइन स्थापित करेगी जो पेट्रोल कारों का भी उत्पादन करती है. निक्केई ने कहा कि सुजुकी जिन बैटरी चालित कारों को जापान में निर्यात करने की योजना बना रही है, वे छोटी एसयूवी होंगी जिनकी कीमत लगभग 30 से 40 लाख येन (20,043 डॉलर) होगी.

2026 तक लाइनअप में होंगी 6 EV

इस समय मारुति सुजुकी टाटा मोटर्स जैसे प्रतिद्वंद्वियों से पीछे है, जो ईवी में बाजार में अग्रणी है. उसने पुष्टि की है कि 2026 तक उसके लाइन-अप में 10 ईवी होंगी. इसके विपरीत, मारुति के पास अपने पोर्टफोलियो में कोई शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहन नहीं है. मारुति की कट्टर प्रतिद्वंद्वी Hyundai ने भी 2028 तक छह ईवी लॉन्च करने की प्रतिबद्धता जताई है.

हालांकि मारुति सुजुकी ने पहले कहा है कि वह 2031 तक छह ईवी लॉन्च करने का इरादा रखती है, लेकिन शेयरधारकों के बीच चिंता थी कि अन्य कंपनियां मारुति के ईवी रोलआउट से आगे निकल सकती हैं. कंपनी ने पहले भी घोषणा की है कि वह गुजरात कारखाने में ईवी और उनके लिए आवश्यक बैटरियों के स्थानीय विनिर्माण के लिए 2026 तक लगभग 150 अरब येन (लगभग 10,445 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी.

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