सरकार एक नई योजना तैयार कर रही है जिसके तहत नई पेट्रोल या डीजल कार खरीदने वालों पर 12,000 रुपये का शुल्‍क लगाया जाएगा. इस तरह जुटाए गए पैसों से इलेक्ट्रिक व्‍हीकल और बैटरी मैन्‍युफैक्‍चरिंग पर छूट दी जाएगी. इस नीति को जल्‍द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है. शीर्ष सचिवों और अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद नीति आयोग ने प्रस्‍ताव किया है कि जो लोग इलेक्ट्रिक टू व्‍हीलर, थ्रीव्‍हीलर और कार खरीदते हैं उन्‍हें पहले साल में 25,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक की छूट मिलनी चाहिए.

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बैटरी की कीमत होगी कम

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसका लाभ ऑटो निर्माता अपनी जेब में न रखें यह सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स खरीदने वालों के लिए डायरेक्‍ट बेनीफिट ट्रांसफर का प्रस्‍ताव किया गया है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले मसौदा को रद्द कर दिया था और ब्‍यूरोक्रेट्स से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऑटो निर्माताओं को लाभ देने की जगह बैटरी की कीमत कम करने पर गौर किया जाए.

बढ़ता जाएगा पेट्रोल-डीजल कार पर सरचार्ज

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोल-डीजल व्‍हीकल्‍स पर सरचार्ज लगाने से सरकार को 7,500 करोड़ रुपये पहले साल में मिल सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल-डीजल टू व्‍हीलर, थ्री व्‍हीलर और कमर्शियल व्‍हीकल्‍स पर पहले साल में 500 से 25,000 रुपये का शुल्‍क लगाया जाएगा जो चौथे साल में 4,500 रुपये से लेकर 90,000 रुपये तक हो सकता है. सरचार्ज के जरिए जुटाए गए पैसे भारी उद्योग विभाग के एक समर्पित फंड में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स पर पहले साल में 50,000 रुपये की मिलने वाली छूट चौथे साल में घटकर 15,000 रुपये रह जाएगी.