आपका घर हो या दुनिया का वो सभी हिस्सा जहां इंसान पहुंचा है गाड़ियों की पहुंच वहां तक हो गई है. कठीन राह हो या सरपट सड़क कितनी भी दूरी क्यों न तय करनी हो गाड़ी से सब आसान लगता है. लेकिन जरूरी है कि गाड़ी की सेहत अच्छी हो. जैसे कि किसी इंसान या सजीव की होती है. क्योंकि अगर एक भी दिक्कत हुई तो भरोसे वाला लंबा सफर अधूरा रह सकता है. ऐसे में जरूरी है कि गाड़ी चाहे टू व्हीलर हो या कोई और गाड़ी. इससे निकलने वाले धुंए ही गाड़ी के स्वास्थ्य के बारे में बता देते हैं. अगर आपको भी गाड़ी से निकलते धुएं के रंग के बारे में पता हो तो इसमें होनी समस्या को बढ़ने से पहले ही खत्म करने में मदद मिलेगी. 

काला धुंआ 

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अगर आपकी गाड़ी से काला धुंआ निकलता है तो इसका मतलब है कि जिस तगह पर फ्यूल जलता है वहां लिकेज हो गया है. ऐसी स्थिति में गाड़ी से निकलने वाला धुंआ काला होता है. यह ज्यादातर एयर फ्यूल रेश्यो में बैलेंस न होने पर होता है. गाड़ी में यह समस्या घिसे हुए नोजल के कारण फ्यूल इंजेक्टर के रिसाव के चलते भी होता है.

नीला धुंआ

आमतौर पर जब गाड़ी पुरानी होने लगती है तो उसके धुंए में बदलाव आने लगता है. इसमें नीले रंग का भी धुंआ निकलता है. यह इंजन में खराबी की ओर इशारा करता है. बता दें कि गाड़ी में नीले रंग का धुंआ तब निकलता है जब पिस्टन बजता है या वॉल्व गाइड सील खराब हो जाती है. हालांकि, इससे तुरंत तो समस्या नहीं होती लेकिन इससे हमें गाड़ी को सर्विस करना लेनी चाहिए. ताकी गाड़ी में समस्या ना बढ़े. 

सफेद धुंआ

आपकी कार से अगर सफेद धुंआ निकल रहा है तो इसे अच्छा संकेत न माने. क्योंकि यह तब होता है जब गाड़ी को ठंडा रखने के लिए उसमें डाला गया लिक्विड या कुलेंट लीक करने लगता है. इससे कार जल्दी गर्म हो जाती है. ऐसे में नजदीकी सर्विस सेंटर में कुलेंट लीकेज की ठीक करा लेना चाहिए ताकी समस्या ज्यादा बढ़े न.

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ग्रे धुंआ

गाड़ी में ग्रे धुंआ तब निकलता है जब इंजन में ज्यादा ऑयल जलने लगता है. इसके अलावा खराब हुए PCV वॉल्व भी ग्रे धुंए का वजह होता है. PCV इंजन के निचले हिस्से से ऊपर के हिस्से तक बिना जले फ्यूल को खीचता है.