ऑटो कंपनियों के संगठन सियाम (SIAM) ने नीति आयोग की देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को जितनी जल्दी हो सके, लाने का भरपूर समर्थन किया है. इसके साथ ही यह भी कहा है कि भारत को न सिर्फ कदम मिलाकर चलना है बल्कि इलेक्ट्रिकल व्हीकल टेक्नोलॉजी से भी कहीं आगे जाना है. नीति आयोग की कोशिश पर सियाम ने कहा है कि इसके लिए हमें एक प्रैक्टिकल एप्रोच के साथ आगे बढ़ना होगा.

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सियाम के प्रेसिडेंट राजन वढेरा कहते हैं कि इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें एक ऐसा तरीका अपनाना होगा जिससे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री को बिना प्रभावित किए बिना हम सफल हो सकें. आज ऑटो उद्योग कई चुनौतियों से जूझ रहा है. इसमें कार्बन उत्सर्जन नियम बीएस-6 और कई नए सेफ्ट फीचर्स को शामिल करना शामिल है. इसे बेहद कम समय में हमने पूरी करने की कोशिश की है. 

उनका कहना है कि जब भी राष्ट्र हित की बात आती है, ऑटो इंडस्ट्री इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती है. इंडस्ट्री का मेक इन इंडिया को भरपूर समर्थन है. वढेरा कहते हैं कि ऑटो इंडस्ट्री का टर्नओवर कुल मैनुफैक्चरिंग जीडीपी में करीब-करीब आधी की भागीदारी करता है. यह इंडस्ट्री 3.7 करोड़ रोजगार और कुल जीएसटी कलेक्शन में 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखती है.

वढेरा का कहना है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने से पहले एक इंटीग्रेटेड योजना की जरूरत है. इसमें इसके लिए देशभर में आवश्यक आधारभूत संरचना पर काम होना चाहिए. ऑटो इंडस्ट्री इस मामले में हमेशा सरकार के साथ हिस्सेदारी कर देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा.