वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सरकार से यात्री कारों और दोपहिया पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को घटाकर 28 से 18 प्रतिशत करने को कहा है. उद्योग का मानना है कि नए उत्सर्जन और सुरक्षा नियमनों की वजह से उसे कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि करनी होगी, ऐसे में जीएसटी दर में कटौती बेहद जरूरी है. उद्योग को आशंका है कि कीमतों में वृद्धि से उसकी मांग प्रभावित होगी. अभी वाहनों पर जीएसटी की 28 प्रतिशत की दर लगती है और इसके ऊपर वाहन की लंबाई, इंजन के आकार प्रकार के आधार पर एक से 15 प्रतिशत का उपकर भी लगता है. 

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सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष राजन वाधेरा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार इस तथ्य को ध्यान में रखे कि भारत चरण छह उत्सर्जन मानक और अन्य सुरक्षा नियमन एक अप्रैल, 2020 से लागू हो रहे हैं. यदि इससे लागत बढ़ती है तो इससे मांग प्रभावित होगी.’’ 

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उन्होंने कहा कि यदि मांग नीचे आती है तो सरकार का कर संग्रह भी प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि ऐसे में 18 प्रतिशत की जीएसटी दर से सभी को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि यदि कीमतों में 10 प्रतिशत की भी वृद्धि होती है, तो इससे दोपहिया खंड की बिक्री प्रभावित होगी. फिलहाल दोपहिया खंड में सालाना बिक्री का आंकड़ा 2.2 करोड़ इकाई का है. वाधेरा ने कहा कि यात्री वाहन खंड में भी दाम प्रौद्योगिकी और सुरक्षा खूबियों को जोड़ने की वजह से 10 से 15 प्रतिशत बढ़ेंगे.