मुंबई के करीब 51 प्रतिशत लोग निजी वाहनों की तुलना में सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. वहीं, हैदराबाद के लोग साझा परिवहन को प्राथमिकता देते हैं, जबकि जम्मू में वाहन पार्क करना सबसे आसान है. एक रिपोर्ट में ऐसा दावा है. टैक्सी आधारित कैब सेवाएं देने वाली ओला की ईज आफ मोबिलिटी इंडेक्स 2018 में कहा गया है कि दिल्ली की सड़कें वाहन चालने के लिए बेहतर हैं. वहीं पटना में सार्वजनिक परिवहन का विकल्प आसपास उपलब्ध होता है. वहां बस स्टॉप तक जाने के लिए पैदल 8 मिनट से कम का समय लगता है.

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बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने कुछ दिन पहले ही 88 सिटी बसों को सड़क पर उतारा है. इससे यात्रियों को गाड़ियों के लिए लंबा इंतजार, निजी बस चालकों की मनमानी किराया वसूली जैसे झंझटों से भी निजात मिलने लगी है. पटना से हाजीपुर, दानापुर या पटना साहिब या फिर आईआईटी बिहटा और ईएसआईसी अस्पताल जाना हो गया है. बस स्टॉप पर कुछ मिनट रुकिए सिटी बसें आपको गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए तैयार मिलेंगी.

यह रिपोर्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जारी की. इसमें 20 शहरों के 43,000 से अधिक लोगों की राय ली गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जयपुर में पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ की हालत सबसे अच्छी है. आटो रिक्शा के इस्तेमाल में कोच्चि सबसे आगे है. वहां 32 प्रतिशत लोग इसका इस्तेमाल करते हैं.

कोलकाता में परिवहन के सबसे अधिक और सस्ते साधन उपलब्ध हैं. इसमें मेट्रो, ट्रैम, बस, फेरी, टैक्सी और आटोरिक्शा शामिल हैं. भुवनेश्वर में लोग सार्वजनिक परिवहन को विश्वसनीय मानते हैं और अहमदाबाद में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सबसे साफ सुथरी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जबलपुर में महिलाएं सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते समय अपने को सबसे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं. वहीं भोपाल में यात्रा की औसत दूरी सबसे कम यानी 4.75 किलोमीटर है.

एजेंसी इनपुट के साथ