इलेक्ट्रिक वाहन बढ़ने से नहीं घटेगी पेट्रोल-डीजल की डिमांड, HPCL के सीएमडी की राय
बजट 2019 (Budget 2019) में रोड व इंफ्रा सेस और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में क्रमश: 1-1 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर पड़ा है.
बजट 2019 (Budget 2019) में रोड व इंफ्रा सेस और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में क्रमश: 1-1 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर पड़ा है. 'जी बिजनेस' के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इस सेस और एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से तेल की डिमांड पर पड़ने वाले असर का आकलन किया. उन्होंने HPCL के CMD मुकेश कुमार सुराणा से खास बातचीत की.
सुराणा ने 'जी बिजनेस' को बताया कि बजट 2019 (Budget 2019) 1 रुपए की रोड व इंफ्रा सेस में बढ़ोतरी हुई है जबकि एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में भी इतनी ही बढ़ोतरी हुई है. इससे तेल की कीमत में ढाई रुपए तक असर पड़ा है. इस कीमत बढ़ोतरी से कंपनी के राजस्व में कोई वृद्धि नहीं होगी. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी प्रोत्साहन का ऐलान हुआ है. बजट 2019 में गैस व तेल उद्योग के लिए कोई खास ऐलान नहीं हुआ है.
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सरकार की पहल से पेट्रोल और डीजल की डिमांड पर खासा असर नहीं पड़ेगा. सुराणा ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बजट में कुछ प्रस्ताव लाई है लेकिन देश में 1 दशक तो तेल की मांग में कमी नहीं आने की संभावना है. इसलिए कंपनी पेट्रोल और डीजल की मांग पूरी करने के लिए नई तेल रिफायनरी लगा रही है.
सुराणा ने कहा कि भले ही वाहन बिक्री में लगातार गिरावट देखी जा रही है लेकिन अप्रैल से जून की तेल की बिक्री में 10 फीसदी का उछाल आया है. यानि वाहन बिक्री घटने का असर पेट्रोल या डीजल की डिमांड पर नहीं पड़ा है. अब हर घर में 1 नहीं बल्कि 2 से 3 वाहन होते हैं. महिला, बच्चे सभी इसका इस्तेमाल करते हैं. इससे भी तेल की डिमांड बढ़ी है.
सुराणा ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार बढ़ने में समय लगेगा. जबकि देश में पहले से मौजूद वाहनों की ईंधन खपत को देखते हुए तेल की मांग भी बढ़ेगी. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंज्मशन वाली इकोनॉमी है. 325 मिलीयन मेट्रिक टन तेल की डिमांड का प्रोजेक्शन है. जबकि भारत में अभी 220 मिलीयन मेट्रिक टन तेल का उत्पादन हो रहा है.