पेट्रोलियम ईंधन के बढ़ते दाम और इससे होने वाले प्रदूषण को देखते हुए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं. इस कड़ी में पैनासोनिक ने भारत में अपनी तरह की पहली स्मार्ट ईवी चार्जिग सर्विस, निंबस लॉन्च की है. इसके तहत फिजिकल कंपोनेंट जैसे चार्जिग स्टेशन, स्वैप स्टेशन, ऑनबोर्ड चार्ज, टेलीमेटिक्स सिस्टम एवं वर्चुअल कंपोनेंट जैसे क्लाउड सर्विस, एनालिटिक्स, इंट्यूटिव डैशबोर्ड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेवा दी जाएंगी.

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कंपनी ने कहा कि पहले चरण में, पैनासोनिक ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सर्विस प्रदाता के स्मार्ट ई एवं क्यूक्विक के साथ साझेदारी की, जिसके तहत पैनासोनिक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 150 स्मार्ट ई इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स और 25 क्यूक्विक 2 व्हीलर पर ईवी चार्जिग सर्विस स्थापित करेगी.

यह सेवा वाहन पर टेलीमेटिक्स सेंसर के साथ आएगी, जिससे ग्राहक निरंतर ऑपरेशन से रियल टाइम डेटा एवं रिपोर्ट निर्मित कर सकेंगे और वह सबसे प्रभावशाली तरीके से अपनी फ्लीट का उपयोग कर सकेंगे.

पैनासोनिक इंडिया के प्रेसिडेंट एवं सीईओ मनीश शर्मा ने कहा कि ईवी चार्जिग सर्विस के लॉन्च के साथ पैनासोनिक पहली बार एनर्जी एवं ई-मोबिलिटी के सर्विस डोमेन में प्रवेश कर रहा है. हम एक इंटीग्रेटेड कॉमन प्लेटफॉर्म का निर्माण कर रहे हैं, जो विविध स्टेकहोल्डर की जरूरतों को पूरा करेगा और देश में ईवी के तीव्र प्रसार में मदद करेगा.

चार्जिंग स्टेशनों के लिए बनी नोडल एजेंसी

देश भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने को ले कर 15 राज्यों ने नोडल एजेंसी बनाने को मंजूरी प्रदाना कर दी है. ये नोडल एजेंसी बुनियादी ढांचे, हाइवे और शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन आवंटित करने और दूसरी मंजूरियां देने का काम करेगी. केंद्र सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश भर की सड़कों पर 25 से 30 फीसदी वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का है. मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 4500 चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम किया जाना है. ये सभी चार्जिंग स्टेशन राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्गों के किराने लगाए जाने हैं.

(इनपुट आईएएनएस से)