Delhi-NCR GRAP: नोएडा और दिल्ली-NCR के लोग सचेत हो जाएं. दिल्ली-NCR और नोएडा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नोएडा प्रशासन इस बार फिर से अलर्ट हो गया है. नोएडा पुलिस ने 17 अक्टूबर से 15 दिन के लिए एक अभियान शुरू किया है. इसमें प्रदूषण से संबंधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों का पालन न करने वाले वाहनों का भारी भरकम चालान काटा जाएगा.

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किन वाहनों पर कटेगा चालान

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के आदेश जारी करने के बाद सभी जगह पर अब ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ आम पुलिस भी इस अभियान में जुट जायेगी. इसमें 10 साल से पुरानी डीजल की और 15 साल से पुरानी पेट्रोल की गाडियां का चालान काटा जाएगा. साथ ही साथ जिन गाड़ियों का पॉल्‍यूशन सर्टिफिकेट पूरा नहीं होगा उन्हें भी भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. NCR में संशोधित ग्रेडेड रिस्पान्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के निर्देशों का सख्ती से पालन करवाया जायेगा. 

कब से होगा शुरू

नोएडा पुलिस कमिश्नरेट में एक 15 दिन का अभियान चलाया जा रहा है जो 17 अक्टूबर से शुरू होगा. वाहनों की चेकिंग के साथ पराली जलाने एवं अन्य वायु प्रदुषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. ग्रैप के नियमों का पालन करवाने के लिया सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात प्रथम एवं द्वितीय के पर्यवेक्षण में यातायात निरीक्षक के नेतृत्व में छह टीमों का गठन किया गया है. कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में जोन स्तर पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली-NCR AQI

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार रात हुई हल्की बारिश के बाद से दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, लोधी रोड पर AQI 63 दर्ज किया गया, दिल्ली हवाई अड्डे (T3) पर AQI 56 दर्ज किया गया, IIT दिल्ली में AQI 45 दर्ज किया गया. नोएडा, मथुरा रोड, IIT दिल्ली में AQI 37 के साथ 'अच्छी' श्रेणी की हवा दर्ज की गई.

वहीं CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, वजीरपुर में 155, आरके पुरम में 184 , रोहिणी में 135 AQI मध्यम श्रेणी की हवा दर्ज की गई. 

क्या है GRAP

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान इमरजेंसी उपायों का एक समूह है. यह दिल्ली-NCR में तय सीमा तक पहुंचने के बाद एयर क्वालिटी (AQI) में गिरावट को रोकने के लिए लागू किया जाता है. इसे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद साल 2017 में नोटिफ़ाई किया गया था. एससी मेहता बनाम भारत संघ की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाया था. सर्वोच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त किए गए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने साल 2020 तक ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने का आदेश दिया था. बाद में इसे भंग कर साल 2020 में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अस्तित्व में आया.

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