Nitin Gadkari ने आपकी सुन ली! सभी हाईवे पर साल के अंत तक हो जाएगा ये काम, मक्खन सी चलेगी कार
Nitin Gadkari New Announcement: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सभी हाईवे को गड्ढे रहित करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. बता दें कि देश में कुल 1.46 लाख किलोमीटर का हाईवे नेटवर्क है.
Nitin Gadkari New Announcement: अगर आपके पास कार है और कार से आप हाईवे पर सफर करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. हाईवे पर गड्ढो की वजह कई बार सड़क दुर्घटना हो जाती है और कार यूजर्स को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने अब आपकी बात सुन ली है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए एक बड़ा ऐलान किया है. नितिन गडकरी ने कहा कि इस साल के अंत तक देश के सभी हाईवे को गड्ढे रहित किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सभी हाईवे को गड्ढे रहित करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. बता दें कि देश में कुल 1.46 लाख किलोमीटर का हाईवे नेटवर्क है. बता दें कि सड़क पर गड्ढो की वजह से कई बार दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ता है.
ठेकेदार को देंगे गड्ढे भरने का काम
सड़क मंत्रालय ने शॉर्ट-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए गड्ढो को भरने का काम देंगे. लेकिन खास बात ये है कि ये ठेकेदाम सड़क बनाकर सिर्फ चलते नहीं बनेंगे लेकिन वो कई सालों तक उनका मेंटेनेंस भी करना होगा. नितिन गडकरी के मुताबिक, केंद्र सरकार एक ऐसी पॉलिसी पर काम कर रही है कि अब किसी भी नेशनल हाईवे पर कोई भी गड्ढा नहीं रहेगा.
BOT माध्यम से निर्माण काम होगा
रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार देश में अत्याधुनिक एक्सप्रेसवे और हाईवे तैयार कर रही है. इसके अलावा पहले से तैयार हुए हाईवे को भी और सुगम बनाने पर सरकार का फोकस है. केंद्र सरकार सड़कों का निर्माण BOT माध्यम से करने की प्राथमिकता पर जोर दे रही है.
3 तरह से होता है सड़कों का निर्माण
बता दें कि सड़कों का निर्माण 3 तरह से होता है. इसमें बिल्ड ऑपरेटर ट्रांसफर (BOT), EPS और हाइब्रिड एन्युटी मॉडल शामिल हैं. नितिन गडकरी ने कहा कि ईपीसी माध्यम से बनाई जाने वाली सड़कों के रखरखाव की जरूरत काफी पहले से करनी पड़ती है. लेकिन BOT माध्यम से सड़कें बेहतर बनती हैं क्योंकि ठेकेदार को पता होता है कि अगले 15-20 सालों में उसे ही मेंटेनेंस का खर्चा उठाना है.
बता दें कि बीओटी प्रोजेक्ट्स में निजी साझेदार 20-30 साल की अवधि में परियोजनाओं के वित्तपोषण, निर्माण और संचालन का जिम्मा उठाते हैं. वे राजमार्ग का इस्तेमाल करने वाले लोगों से शुल्क और टोल के जरिए निवेश की वसूली करते हैं.
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