देश में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोकसभा में मोटर वेहिकल संशोधन बिल पेश किया गया. बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए सजा को और अधिक कठोर बनाने के साथ-साथ सड़क के निर्माण और उसके रखरखाव में कमी के चलते होने वाली दुर्घटनाओं के लिए भी पहली बार कॉट्रेक्टर के खिलाफ ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है. 

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लोकसभा में आज सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटरयान संशोधन बिल पेश किया. उन्होंने कहा कि इस बिल का मकसद रोड एक्सीडेंट में कमी लाकर लोगों के जीवन को महफूज बनाना है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए सरकार कड़े प्रावधान करने जा रही है.

नए मोटर व्हीकल बिल में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए जहां जुर्माने को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है वहीं कुछ सजा का भी प्रस्ताव हैं.

बिल में क्या हैं नए प्रस्ताव

- शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रावधान है.

- बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर 1,000 रुपये का ज़ुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस ज़ब्त करने का प्रावधान है. 

- फिलहाल बिना हेलमेट गाड़ी चलाने पर ज़ुर्माना केवल 100 रुपये है.

- रैश ड्राइविंग करने पर जुर्माना 1,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने का प्रस्ताव है.

- बिना लाइसेंस के ड्राइविंग करने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है.

- तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर अधिकतम 5,000 रुपये किया गया है.

- सीट बेल्ट नहीं लगाने पर भी जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है.

- मोबाइल फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने का प्रस्ताव है. 

- किसी आपातकालीन गाड़ी को रास्ता नहीं देने पर पहली बार 10,000 रुपये के ज़ुर्माने का प्रावधान किया गया है.

नाबालिग के गाड़ी चलाने पर सख्त ज़ुर्माना

मोटर व्हीकल बिल में अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते पकड़ा जाता है तो उसके अभिभावक या गाड़ी के मालिक दोषी माना जाएगा. इसके लिए 25,000 रुपये के ज़ुर्माने के साथ साथ 3 साल के जेल का प्रावधान है. साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द करने का प्रावधान है.

 

इसी तरह ओवरलोडिंग के लिए 20,000 रुपये का न्यूनतम जुर्माने के साथ 1000 रुपये प्रति टन अतिरिक्त पैसे का प्रावधान किया गया है.

मुआवजा राशि बढ़ाई गई

इस बिल में सड़क हादसे में मारे गए लोगों को मिलने वाले मुआवजे में भी बढ़ोतरी की गई है. मुआवजे को बढ़ाकर अब अधिकतम 5 लाख रुपये जबकि गंभीर रूप से घायल होने पर 2.5 लाख कर दिया गया है. इसके अलावा लाइसेंस और उसको रद्द करने के लिए भी कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं.

1 साल में होंगे लाइसेंस रिन्यू

अब लाइसेंस लेने या गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए आधार नंबर अनिवार्य करने का प्रस्ताव है. एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब लाइसेंस की वैधता खत्म होने के बाद 1 साल तक लाइसेंस को रिन्यू यानी फिर से बनवाया जा सकेगा. अभी तक यह समय सीमा केवल 1 महीने तक थी. 

सड़क के गड्ढों से होने वाले एक्सीडेंट में ठेकेदार नेपेंगे

अगर सड़क के गलत डिजाइन या उसके निर्माण और उसके रखरखाव की कमी के चलते दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार, सलाहकार के साथ और सिविक एजेंसी जिम्मेदार होगी. ऐसी दुर्घटनाओं के एवज में मुआवजे के दावे की का निपटारा 6 महीने के भीतर करना अनिवार्य बनाया जाएगा

गाड़ी में खराबी के कारण होने वाले एक्सीडेंट में कंपनी जिम्मेदार

अगर गाड़ी के कल पुर्जे की क्वालिटी कम होने के चलते गाड़ी की दुर्घटना होती है तो सरकार उन सभी गाड़ियों को बाजार से वापस लेने का अधिकार रखेगी. साथ ही निर्माता कंपनी पर अधिकतम 500 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगा सकती है.