कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी ने कलपुर्जे (ऑटो पार्ट्स) बनाने वाली कंपनियों को गाड़ियों के इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कुछ अन्य मुख्य कलपुर्जे का देश में ही विनिर्माण शुरू करने का सुझाव दिया. मारुति सुजुकी ने कहा कि इससे इन कलपुर्जों का आयात कम करने में मदद मिलेगी. इससे न सिर्फ मारुति को मदद मिलेगी बल्कि सरकार की मेक इन इंडिया मुहिम को भी समर्थन मिलेगा.

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कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी और सीईओ) केनिचि आयुकावा ने यहां एक्मा के वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं आपको (कलपुर्जा इंडस्ट्री को) एक चुनौती और एक सुझाव देता हूं. कलपुर्जों के हिसाब से मारुति सुजुकी के वाहन 90 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी होते हैं. लेकिन कुछ मुख्य कल-पुर्जे तथा इलेक्ट्रॉनिक्स का हमें अभी भी आयात करना पड़ता है. हम चाहते हैं कि ये सामान में भारत में बने हों.’’

उन्होंने कहा कि यदि कोई कंपनी गुणवत्ता तथा भरोसे के साथ देश में ही ये सामान बनाए तो इससे न सिर्फ मारुति सुजुकी को बल्कि पूरे घरेलू ऑटो इंडस्ट्री को मदद मिलेगी. आयुकावा ने कहा कि भविष्य में सर्वश्रेष्ठ अवसरों को भुनाने का राज इंटरनल रिसर्च एवं डेवलपमेंट क्षमता में निहित है.

(जी बिजनेस)

उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत को भविष्य की दुनिया में प्रतिस्पर्धी बनना है, तो मेरा सुझाव है कि इंटरनल रिसर्च एवं डेवलपमेंट क्षमता को विकसित करने की शुरुआत करनी चाहिये, जो एक लंबी प्रक्रिया है तथा धीरे-धीरे परिणाम देती है. हमें धैर्य रखना होगा और प्रतिबद्ध रहना होगा.’’