देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) के चेयरमैन आर सी भार्गव (RC Bhargava) का मानना है कि ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री के सामने आ रही सेमीकंडक्टर (Semiconductor) की कमी टेम्‍परेरी है. 2022 तक इस संकट के दूर होने की उम्मीद है. भार्गव ने मंगलवार को कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी से मारुति सुजुकी के प्रोडक्‍शन पर कोई बड़ा असर नहीं हुआ है. हालांकि, इसके चलते प्रोडक्‍शन थोड़ा बहुत जरूर प्रभावित हुआ है. 

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मारुति सुजुकी की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में वर्चुअली शेयरधारकों को संबोधित करते हुए भार्गव ने कहा कि देश की सबसे बड़ी कार कंपनी इलेक्ट्रिक व्‍हीकल (electric vehicle, EV) सेगमेंट में संभावनाएं तलाश रही है. हालांकि, इलेक्ट्रिक व्‍हीकल सेगमेंट में कंपनी उसी समय एंट्री करेगी, जब यह कंज्‍यूमर्स के लिए अफोर्डेबल और फिजिबल होगा. साथ ही कंपनी को कोई नुकसान नहीं होगा. 

बता दें, पिछले दिनों मारुति सुजुकी इंडिया (MSI) ने एक्‍सचेंज को बताया था कि सेमीकंडक्टर की कमी के चलते, कॉन्‍ट्रैक्‍ट मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्प (SMG) अगस्‍त में प्रोडक्‍शन घटाएगी. एसएमजी इस महीने तीन शनिवार (7, 14 और 21 अगस्त) को प्रोडक्‍शन नहीं करने की जानकारी दी थी. MSI के मुताबिक, सुजुकी मोटर गुजरात के प्‍लांट में कुछ प्रोडक्‍शन लाइन को दो शिफ्ट से घटाकर एक शिफ्ट में करने का फैसला किया गया है. 

सेमीकंडक्‍टर की 2022 तक दूर होगी किल्‍लत

एक शेयरधारक के सवाल पर मारुति चेयरमैन भार्गव ने कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी कोविड-19 की वजह से पैदा हुई टेम्‍परेरी दिक्‍कत है. हमारा मानना है कि 2022 तक यह कमी दूर हो जाएगी. चिप की सप्‍लाई में रुकावट का प्रोडक्‍शन पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर मारुति चेयरमैन ने कहा कि इससे प्रोडक्‍शन को कुछ नुकसान हुआ है और हमें इसका एडजस्‍ट करना पड़ा है. लेकिन इसको लेकर कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, जिसको लेकर चिंता की जाए. 

4500 करोड़ खर्च का टारगेट

मारुति चेयरमैन भार्गव ने कहा कि मारुति सुजुकी ने मौजूदा वित्त वर्ष में बिजनेस पर 4,500 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है.  हालांकि, वास्तविक खर्च का अनुमान साल के अंत पर ही लगाया जा सकेगा. कंपनी की इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स को लेकर प्‍लान के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा कि मारुति ट्रेडिशनल कार इंडस्‍ट्री में सबसे बड़ी कंपनी है. हम भविष्य में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल सेगमेंट क्षेत्र में भी सबसे बड़ी कंपनी बनना चाहेंगे. साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल की पहुंच तभी बढ़ेगी, जबकि कंज्‍यूमर्स तक इसकी लागत सस्ती बैठेगी.

क्‍या होते हैं सेमीकंडक्‍शन (What is semiconductor) 

सेमीकंडक्टर सिलिकॉन चिप होते हैं. ये गाड़ी, कंप्यूटर और सेलफोन से लेकर कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक आइटम में इस्‍तेमाल होते हैं. ये बेहतर तरीके से कंट्रोल और मेमोरी फंक्‍शन से जुड़े कार्यों को अंजाम देते हैं. हाल के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री में सेमीकंडक्टर का इस्‍तेमाल पूरी दुनिया में बढ़ा है, क्‍योंकि नए मॉडल ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, नेविगेशन और हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक सिस्टम जैसी इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं से लैस आ रहे हैं.