टू-व्हीलर के लिए हीरो मोटोकॉर्प को मिला देश का पहला बीएस VI सर्टिफिकेट
ICAT ने देश का पहला बीएस 6 के लिए Type Approval Certificate हीरो मोटोकॉर्प को जारी किया किया है. अप्रैल, 2020 से देश में सिर्फ बीएस-6 मानक वाले वाहनों की ही बिक्री होगी.
टू-व्हीलर बनाने वाली प्रमुख कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने देश का पहला बीएस VI सर्टिफिकेट हासिल कर लिया है. अब कंपनी बीएस-6 वाहनों का निर्माण शुरू कर देगी. कंपनी ने यह सार्टिफिकेट आज जारी कर दिया है. ICAT ने देश का पहला बीएस 6 के लिए Type Approval Certificate हीरो मोटोकॉर्प को जारी किया किया है.
बीएस-6 सर्टिफिकेट जारी करने वाली संस्था ICAT (अंतरराष्ट्रीय ऑटोमेटिक तकनीकी केंद्र) ने पिछले साल भारी वाहन बनाने वाली कंपनी वाल्वो आयशर कॉमर्शियल व्हीकल (वीईसीवी) को सर्टिफिकेट जारी किया था.
बीएस मानक
बीएस का मतलब है भारत स्टेज. इसका संबंध उत्सर्जन मानकों से है. भारत स्टेज उत्सर्जन मानक खासतौर पर उन वाहनों के लिए हैं, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तय करता है.
अप्रैल 2020 से सिर्फ बीएस-6 वाहन बिकेंगे
सड़क पर बढ़ते वाहनों के प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने बीएस-6 मानक के वाहनों की बिक्री पर जोर दिया है. सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से बीएस-6 मानक वाले वाहनों की बिक्री शुरू करने की समय सीमा तय की है. यानी अगले साल सिर्फ बीएस-6 मानक वाले ही वाहन बिकेंगे. बीएस-6 लागू करने की अधिसूचना 2017 में लागू कर दी गई थी. फिलहाल बाजार में बीएस-4 मानक वाले वाहन बिक रहे हैं.
बीएस-6 के फायदे
वाहनों के बीएस-6 मानक के मुताबिक तैयार होने से प्रदूषण में कमी आएगी. हवा में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. हवा में जहरीले तत्व कम हो सकेंगे. बीएस-6 में प्रदूषण फैलाने वाले खतरनाक पदार्थ काफी कम होंगे. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर के मामले में बीएस 6 ग्रेड का ईंधन काफी अच्छा होगा. बीएस-6 मानक में सल्फर की मात्रा घटकर 10 पीपीएम रह जाएगी, जोकि अभी तक 50 पीपीएम है.
क्या करना होगा
वाहन निर्माता कंपनियां को वाहनों में फिल्टर लगाना जरूरी हो जाएगा. बीएस-6 के लिए विशेष प्रकार के डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर की जरूरत होगी. इसके लिए वाहन के बोनट के अंदर ज्यादा जगह तैयार करने की जरूरत होगी. नाइट्रोजन के ऑक्साइड्स को फिल्टर करने के लिए सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (एसआरसी) तकनीक का इस्तेमाल वाहन निर्माता कंपनियों को करना होगा.
(दिल्ली से समीर दीक्षित की रिपोर्ट)