आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियां और महंगी होने वाली हैं. केंद्र सरकार देश में प्रदूषण नियंत्रण और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग को प्रोत्साहित करने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए पेट्रोल व डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर अतिरिक्त सेस योजना पर काम किया जा रहा है. यह खुलासा मनी कंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में किया गया है.

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पेट्रोल व डीजल गाड़ियां होंगी महंगी

सरकार की ओर से पेट्रोल व डीजल गाड़ियों पर सेस लगाए जाने से जहां इनकी कीमत में वृद्धि होगी वहीं सरकार की ओर से Faster Adoption and Manufacturing of Electric and Hybrid Vehicle (FAME) scheme के तहत इलेक्ट्रिक व हाइब्रिड कारों व दो पहिया वाहनों की खरीद पर सब्सीडी दी जा रही है. इस योजना के लिए अतिरिक्त पैसे की जरूरत है और इस पैसे का बोझ वित्त मंत्रालय पर न पड़े इसके लिए सरकार पेट्रोल व डीजल गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने की योजना बना रही है.

अब तक 2.6 लाख गाड़ियों को दिए गए हैं इन्‍ासेंटिव

देश में अब तक केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड श्रेणी की लगभग 2.6 लाख गाड़ियों को इनसेंटिव दिए गए हैं. इन गाड़ियों के चलते 3.7 लाख लीटर पेट्रोल व डीजल की बचत की गई है. वहीं सरकार की ओर से अब तक FAME योजना के तहत लगभग 305 करोड़ रुपये की सब्सीडी उपलब्ध कराई गई है.

इस योजना के तहत गाड़ियों को दी जा रही छूट

सरकार की ओर से FAME योजना के तहत इलेक्ट्रिक स्कूटरों व कम पावर वाले वाहनों पर 7500 रुपये से ले कर हाइब्रिड बसों पर 61 लाख व पूरी तरह से इलेक्ट्रिक एसी बसों पर 01 करोड़ रुपये तक की सब्सीडी दी जा रही है. देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री में वर्ष 2017 व 2018 में कुछ तेजी आई है. लेकिन वाहन निर्माता कंपनियां अभी भी इलेक्ट्रिक मोटर से चलने वाली एसयूवी व कारों को लांच करने में बहुत अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इसका प्रमुख कारण इन वाहनों को शुरुआती दौर में बनाने में अधिक लागत आना है.

इतनी महंगी हो सकती हैं गाड़ियां

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पेट्रोल व डीजल कारों पर 2000 से 2500 रुपये अधिक व दो पहिया वाहनों पर 300 रुपये तक अधिक चुनाव में उपभोक्ताओं को बहुत अधिक दिक्कत नहीं आएगी. लेकिन इस कदम से एक बड़ी राशि इकट्ठा हो जाएगी जिससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी.