ऑटोमैटेड टेस्टिंग स्टेशनों (ATS) के जरिये गाड़ियों की फिटनेस टेस्टिंग हुई जरूरी, इस डेट से किया जाएगा लागू
Vehicle fitness testing: मंत्रालय के मुताबिक, स्वचालित परीक्षण स्टेशनों से गाड़ियों की फिटनेस जांच की जाती है. इन स्टेशनों में कई प्रकार के जरुरी टेस्टिंग के लिए ऑटोमैटिक तरीके से यांत्रिक उपकरणों (Mechanical devices) का इस्तेमाल किया जाता है.
Vehicle fitness testing: सरकार ने ऑटोमैटेड टेस्टिंग स्टेशनों (ATS) के जरिये गाड़ियों की फिटनेस टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है. इसे चरणबद्ध तरीके से अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार (07 अप्रैल, 2022) को एक आधिकारिक बयान में कहा कि, एक अप्रैल, 2023 से एटीएस के जरिये भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण अनिवार्य होगा. वहीं मीडियम साइज के माल ढुलाई गाड़ियों या मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (परिवहन) के लिए यह नियम एक जून, 2024 से प्रभावी होगा.
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जारी हुआ नोटिफिकेशन
मंत्रालय के मुताबिक, स्वचालित परीक्षण स्टेशनों से गाड़ियों की फिटनेस जांच की जाती है. इन स्टेशनों में कई प्रकार के जरुरी टेस्टिंग के लिए ऑटोमैटिक तरीके से यांत्रिक उपकरणों (Mechanical devices) का इस्तेमाल किया जाता है. मंत्रालय ने कहा कि, ‘‘केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के प्रावधान 175 के अनुसार पंजीकृत स्वचालित परीक्षण स्टेशन के जरिये ही मोटर वाहनों की अनिवार्य फिटनेस जांच के संबंध में पांच अप्रैल 2022 को एक अधिसूचना जारी की गई है.’’
इससे पिछले साल मंत्रालय ने कहा था कि विशेष उद्देश्यीय इकाइयों (Special purpose units), राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और व्यक्तियों के निकायों जैसी संस्थाओं को एटीएस खोलने की परमिशन दी जा सकती है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, निजी वाहनों (गैर-परिवहन) के लिए फिटनेस परीक्षण, रजिस्ट्रेशन के रिन्यूअल के समय यानी 15 साल बाद किया जायेगा. वहीं आठ साल से कम पुराने कमर्शियल वाहनों (परिवहन) को फिटनेस प्रमाण पत्र का रिन्यूअल दो साल के लिये होगा. जबकि आठ साल से ज्यादा पुराने वाणिज्यिक वाहनों को हर साल कराना होगा.