Govt Allow CNG Retrofitting: सरकार ने भारत चरण-छह (बीएस-छह) उत्सर्जन मानकों वाले पेट्रोल और डीजल वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगाने की अनुमति दे दी है. अभी तक, ऐसे बदलाव की अनुमति केवल बीएस-4 उत्सर्जन मानदंड वाले वाहनों के लिये थी. मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा, " BS-VI गैसोलीन वाहनों पर सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रोफिटमेंट और बीएस-VI वाली डीजल गाड़ियों में 3.5 टन से कम सीएनजी या एलपीजी इंजन से बदलने की अधिसूचना जारी की गई है."

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मंत्रालय मे दी अनुमति

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा, मंत्रालय ने बीएस -6 पेट्रोल वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगाने और बीएस-6 वाहनों के मामले में 3.5 टन से कम डीजल इंजनों को सीएनजी / एलपीजी इंजन से बदलने की अधिसूचना जारी की है. मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना 'रेट्रो फिटमेंट' के लिये अनुमोदन आवश्यकताओं को निर्धारित करती है. सीएनजी एक पर्यावरण अनुकूल ईंधन है और पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन और धुएं आदि के उत्सर्जन स्तर को कम करेगा. सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा कि अधिसूचना विभिन्न पक्षों के परामर्श से तैयार की गई है.

3 साल में कराना होगा रिन्यू

सरकार द्वारा मंजूर किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, इस तरह की किट लगाने के लिए किसी भी गाड़ी को उसके सीसी इंजन क्षमता के आधार पर आंका जाएगा. 1500cc तक के वाहन के लिए 7 प्रतिशत तक और 1500cc से ऊपर के वाहनों में 5 प्रतिशत की क्षमता के भीतर रेट्रो फिटमेंट किया जा सकेगा. वहीं, इंजन की पावर को डायनेमोमीटर पर मापा जाएगा. मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक एक बार अप्रूवल मिलने के बाद गाड़ी में इस किट को 3 साल तक इस्तेमाल में लाया जा सकता हैं. वहीं, 3 साल पूरे होने के बाद इसे एक बार रिन्यू किया जाएगा. BS-VI पेट्रोल वाहन वर्ष 2020 में बाजार में आने शुरू हो गए थे, लेकिन इन वाहनों में सीएनजी रेट्रोफिट नहीं जा सकती थी. मंत्रालय की ओर से इस संबंध में कोई नियम नहीं था. इस वजह से सीएनजी लगवाना अवैध था.