PLI Scheme for ACC Battery storage: देश में एडवांस्ड केमिकल सेल बैटरी स्टोरेज के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) देने के लिए सरकार ने चार कंपनियों को चुना है. हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बताया कि राजेश एक्सपोर्ट्स, हुंडई ग्लोबल मोटर्स कंपनी, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और रिलायंस न्यू एनर्जी इस पीएलआई स्कीम के लिए चुने गए हैं. 

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इन चार सफल बोलीजाताओं को कुल 50 GWh बैटरी कैपेसिटी के लिए आवंटन किया गया है. मिनिस्ट्री ने बताया कि इन चार फर्मों को लोकल बैटरी सेल प्रोडक्शन में बढ़ावा देने के लिए भारत के 18,100 करोड़ रुपये के कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन मिलेगा.

ACC बैटरी स्टोरेज के किया चार कंपनी को सेलेक्ट

मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी स्टोरेज के लिए PLI स्कीम के तहत प्रोत्साहन के लिए कुल चार कंपनियों को सेलेक्ट किया गया है.

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मिनिस्ट्री ने बताया कि हुंडई ग्लोबल मोटर्स कंपनी लिमिटेड और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड इन दोनों को प्रत्येत 20 GWh और रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड और राजेश एक्सपोर्ट्स को प्रत्येक 5 GWh का आवंटन किया गया. भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि अनुकूल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में वृद्धि ने मुख्य रूप से इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित किया है.

कंपनियां भारत में निर्माण में ले रही दिलचस्पी

उन्होंने कहा, "आज बड़ी कंपनियां भारत में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण (Electric Vehicle production in India) में निवेश कर रही हैं और हमसे जुड़ने की इच्छुक हैं. हमें उन्हें और प्रोत्साहन देना चाहिए और भारत को विनिर्माण केंद्र बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए."

दस कंपनियों ने जमा की बोली

उन्होंने कहा कि दस कंपनियों ने ACC बैटरी स्टोरेज प्रोग्राम के तहत अपनी बोलियां जमा की थीं, जिसके लिए मंत्रालय द्वारा 22 अक्टूबर, 2021 को प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) जारी किया गया था. यह योजना 14 जनवरी तक आवेदन प्राप्त करने के लिए खुली थी और तकनीकी बोली 15 जनवरी को खोली गई थी.

कैसे हुआ सेलेक्शन

उन्होंने बताया कि सभी 10 कंपनियों की बोलियों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें नौ कंपनियों ने RFP के तहत आवश्यकताओं के अनुसार एलिजिबिलिटी की शर्तों को पूरा किया था. इनके लिए वित्तीय बोलियां 17 मार्च को खोली गई थीं.

चुने गए बोलीदाताओं का अंतिम मूल्यांकन गुणवत्ता और लागत-आधारित चयन तंत्र के अनुसार किया गया था और उन्हें उनके संयुक्त तकनीकी और वित्तीय स्कोर के आधार पर रैंक किया गया था.

मंत्रालय ने कहा, "एसीसी क्षमताओं को उनके रैंक के क्रम में, प्रति वर्ष 50 GWh की संचयी क्षमता तक आवंटित किया गया है. शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं को जो आवंटन हासिल करने में सफल नहीं हैं, उन्हें प्रतीक्षा सूची में रखा गया है.

ये कंपनियां हैं वेटलिस्ट में

प्रतीक्षा सूची में शामिल कंपनियों महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, अमारा राजा बैटरीज लिमिटेड और इंडिया पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड हैं.