Ford India ने कैंसिल की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की योजना, कर्मचारियों के साथ मुआवजे के लिए फिर होगी बातचीत
Ford India drops EV plans: फोर्ड इंडिया यूनियन के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि, मैनेजमेंट ने श्रमिकों से कहा है कि उसकी भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की कोई योजना नहीं है.
Ford India drops EV plans: फोर्ड इंडिया अपने दो प्लांट्स में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने की योजना को खत्म कर रही है. यह अपने कर्मचारियों के साथ मुआवजे की बातचीत फिर से शुरू करेगा. फोर्ड इंडिया यूनियन के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि, मैनेजमेंट ने श्रमिकों से कहा है कि उसकी भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की कोई योजना नहीं है.
मैनेजमेंट ने प्लांट के बंद होने पर श्रमिकों को मुआवजे के भुगतान के लिए उनसे बातचीत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि मुआवजे की बातचीत रोक दी गई थी क्योंकि कंपनी गुजरात के साणंद और चेन्नई में इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की योजना बना रही थी.
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जून के बाद बंद हो सकता है चेन्नई प्लांट
फोर्ड ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) के तहत अपना आवेदन केंद्र सरकार को भेजा था. उनके मुताबिक जून के बाद चेन्नई का प्लांट बंद हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्लांट में निर्यात के लिए ईकोस्पोर्ट का निर्माण हो रहा है. इससे पहले सितंबर 2021 में फोर्ड इंडिया ने 2021 की चौथी तिमाही तक गुजरात के साणंद में वाहन असेंबली और 2022 की दूसरी तिमाही तक चेन्नई में वाहन और इंजन मैन्युफैक्चरिंग को बंद करने का फैसला किया था. अधिकारियों ने पिछले साल कहा था कि फोर्ड के भारत छोड़ने के फैसले से लगभग 5,300 श्रमिकों और कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा.
नौकरी को लेकर परेशान हैं कर्मचारी
चेन्नई प्लांट में लगभग 2,700 श्रमिक और लगभग 600 कर्मचारी हैं. साणंद मजदूर संघ के महासचिव नयन कटेशिया ने पहले आईएएनएस को बताया था कि, यहां श्रमिकों की संख्या करीब 2,000 होगी. फोर्ड इंडिया ने कहा था कि साणंद इंजन प्लांट में 500 से अधिक कर्मचारी हैं, जो एक्सपोर्ट के लिए इंजन का प्रोडक्शन कर रहे हैं. वहीं लगभग 100 कर्मचारी पार्ट्स के डिस्ट्रिब्यूशन और कस्टमर सर्विस का काम कर रहे हैं.
फोर्ड इंडिया के मुताबिक, इसके फैसले से करीब 4,000 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है. फोर्ड इंडिया के कर्मचारी चाहते हैं कि इन कार प्लांट के जो खरीददार होंगे वो उन्हें काम पर रखे.