वैसे तो टोल नाकों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. लेकिन अगर आपके पास कार या कोई और गाड़ी है और आपने अभीतक फास्टैग नहीं लिया है तो यह खबर आपके लिए है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस समय फ्री में फास्टैग दे रहा है और यह सर्विस केवल 29 फरवरी तक ही है. अभी तक देशभर में 1.55 करोड़ से अधिक फास्टैग जारी किये जा चुके हैं.

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केंद्र सरकार ने देश के 527 से ज्यादा नेशनल हाइवे पर बने टोल प्लाजा पर फास्टैग से टोल लेना शुरू कर दिया है. फास्टैग बनाने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए एनएचएआई ने 29 फरवरी तक मुफ्त में फास्टैग देने का फैसला किया है. 1 मार्च से तय फीस के बाद ही फास्टैग जारी किया जाएगा. 

फास्टैग लगवाने के लिए आप माइफास्टैग ऐप और टोल फ्री नंबर 1033 पर संपर्क कर सकते हैं. यहां आपको फास्टैग के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए आप ऑफिशियल साइट www.ihmcl.com पर विजिट कर सकते हैं. 

बिना टैग वाले वाहनों से वसूले 20 करोड़

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कहा कि उसने टोल प्लाजा पर फास्टैग वाले लेन में घुसने वाले बिना टैग के 18 लाख वाहनों से 20 करोड़ रुपये वसूल किए हैं.

सड़क परिवहन मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में इलेक्ट्रॉनिक टोल वसूली के लिये फास्टैग की शुरुआत की थी. मंत्रालय ने तब कहा था कि यदि कोई वाहन बिना टैग के समर्पित लेन में घुसता है तो उससे दोगुना टोल वसूल किया जायेगा.

प्राधिकरण ने कहा कि फास्टैग लेन में बिना टैग के घुसने वाले वाहनों से दो गुना टोल वसूला जा रहा है. अभी तक देश भर में 18 लाख वाहनों ने बिना टैग के फास्टैग लेन में घुसने की कोशिश की है और इनसे 20 करोड़ रुपये वसूले गये हैं.

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फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की एक तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को गाड़ी के सामने वाले शीशे (विंडस्क्रीन) पर लगाया जाता है. गाड़ी जैसे ही टोल नाके के पास आती है, तो सेंसर फास्टैग को ट्रैक कर लेता है. इसके बाद आपके फास्टैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाला टैक्स कट जाता है.