Electric Vehicle Sales: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड और सेल्स लगातार बढ़ रही है. कई कंपनियां हैं, जो इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर खासा फोकस कर रही हैं. अब इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर नया अपडेट भी सामने आ रहा है. ताजा अपडेट ये है कि भारत में इलेक्ट्रिफिकेशन में सुधार होने की वजह से देश में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric 2 Wheeler) की ज्यादा बिक्री देखने को मिली है. ऐसा बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सेल्स में 17 फीसदी की बढ़ोतरी है. ई-टूव्हीलर क्षेत्र में ओला इलेक्ट्रिक (OLA) वॉल्यूम के हिसाब से मार्केट लीडर बनी रही और बाजार हिस्सेदारी 40 प्रतिशत तक पहुंच गई.

OLA का सबसे ज्यादा मार्केट शेयर

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बीएनपी पारिबा इंडिया ईवी रिपोर्ट के अनुसार, ओला ने सबसे ज्यादा बाजार हिस्सेदारी हासिल की है. उसके बाद बजाज ऑटो का स्थान रहा, जबकि टीवीएस मोटर को सबसे अधिक नुकसान हुआ. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि ओला की बाजार हिस्सेदारी में सुधार काफी हद तक कंपनी के मार्केटिंग अभियान 'दिसंबर टू रिमेंबर' से प्रेरित था, जिसके तहत उसने ग्राहकों को छूट की पेशकश की और अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें भी कम कीं. 

OLA S1X Plus में डिस्काउंट

OLA ने अपने S1x Plus ई-स्कूटर की कीमतों में 20,000 रुपए या 18 फीसदी की कटौती की है. दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश को छोड़कर अधिकांश राज्यों में बिक्री की मात्रा में (महीने-दर-महीने) गिरावट आई. दिल्ली में सबसे अधिक सुधार हुआ और नवंबर में 6.9 से बढ़कर 19.8 प्रतिशत हो गया जो लगभग पूरी तरह से ओला द्वारा संचालित है.

FAME बंद करने से हो सकता है नुकसान?

रिपोर्ट में कहा गया है कि हम ईवी अपनाने के लिए सकारात्मक उत्प्रेरक (पॉजिटिव कैटलिस्ट) के रूप में ओईएम को कम कीमत वाले मॉडल लॉन्च करते और आक्रामक छूट की पेशकश करते हुए देख रहे हैं. हालांकि, फेम (FAME) को बंद करने से निकट भविष्य में प्रतिकूल परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है. 

बिहार में अगले 5 साल के लिए नई EV नीति

दिसंबर में इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों और इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए ईवी की पहुंच में सुधार हुआ, जो ई-थ्रीव्हीलर के लिए ऑल टाइम उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और ईपीवी के लिए ऑल टाइम उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी गिरावट के बाद से ई-टूव्हीलर के निवेश पर प्रोत्साहन में कमी से लगातार सुधार हुआ है और सब्सिडी में कटौती से पहले देखे गए स्तर तक सामान्य होने की संभावना है. बिहार सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए एक नई ईवी नीति का अनावरण किया.