केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को भारत का इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया है. इस आर्थिक सर्वे में ऑटो सेक्टर के लिए भी निवेश का प्रस्ताव जारी किया है. ऑटो और ऑटो एंसिलरी (कंपोनेंट्स) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) के तहत अबतक 67690 करोड़ रुपए का प्रस्तावित निवेश मिला है. संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है कि मार्च, 2024 के अंत तक इसमें कुल 14,043 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया गया है. आर्थिक समीक्षा कहती है कि आवेदकों ने 1.48 लाख रोजगार सृजन का प्रस्ताव किया है. 31 मार्च, 2024 तक इसमें से 28,884 नौकरियों का सृजन हो चुका है. अभी तक इस योजना के तहत 85 आवेदकों को मंजूरी मिली है. 

ऑटो सेक्टर पर सरकार का फोकस

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वाहन और वाहन कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना का बजटीय परिव्यय योजना 2022-23 से 2026-27 तक 25,938 करोड़ रुपये है. इस योजना को ‘चैंपियन ओईएम’ प्रोत्साहन योजना और कलपुर्जा चैंपियन प्रोत्साहन योजना में बांटा गया है. इसके अलावा सरकार ने मई, 2021 में 18,100 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ अत्याधुनिक रसायन सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज पर राष्ट्रीय कार्यक्रम को मंजूरी दी है. 

भारतीय अर्थव्यवस्था की अच्छी ग्रोथ

संसद में पेश किए गए इकनॉमिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अच्छी ग्रोथ रही. सर्वे के अनुसार भले ही कुछ कैटेगरी में महंगाई बढ़ी है, लेकिन अगर सभी कैटेगरी को एक साथ देखा जाए तो सरकार ने महंगाई काबू में होने का दावा किया है. आर्थिक सर्वे के अनुसार सकल स्थायी पूंजी निर्माण (Gross Fixed Capital Formation) अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में अहम ड्राइवर बनकर उभर रहा है.

CEA की निगरानी में तैयार होता है सर्वे

आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्रालय का विभाग इकोनॉमिक अफेयर्स के तहत आने वाला इकोनॉमिक डिविजन बनाता था. मुख्य आर्थिक सलाहाकार की देख-रेख में ये सर्वे तैयार किया जाता है. साल 1950-51 में पहला आर्थिक सर्वे पेश किया गया था. साल 1964 तक इसे बजट के साथ पेश किया जाता था. बाद में इसे एक दिन पहले पेश किया गया. 

क्या होता है आर्थिक सर्वे?

आर्थिक सर्वे में बीते साल का लेखा-जोखा और आने वाले साल में अर्थव्यवस्था के सुझाव रहते हैं. साल 2014 से आर्थिक सर्वे को दो वॉल्यूम में पेश किया जाने लगा है. पहले वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था की चुनौतियों पर फोकस किया जाता है. वहीं, दूसरे वॉल्यूम में अर्थव्यवस्था के सभी खास सेक्टर्स का रिव्यू किया जाता है.