मर्सिडीज-बेंज बनाने वाली कंपनी डेमलर को इस साल अप्रैल-जून तिमाही में घाटा हुआ है. करीब दस साल में पहली बार किसी तिमाही में कंपनी को घाटा हुआ है. उत्सर्जन नियमों से जुड़ी धोखाधड़ी एवं वाहनों को वापस मंगाने के लिए अलग रखी गई नकदी के कारण कंपनी घाटे में चली गई. स्टटगार्ट स्थित कार निर्माता कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि उसे अप्रैल-जून तिमाही में 1.2 अरब यूरो (1.3 अरब डॉलर) का घाटा हुआ है. 

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कंपनी द्वारा जारी रिलीज में बताया गया कि इस दौरान मर्सिडीज-बेंज की बिक्री 3 प्रतिशत घटकर 575639 रह गई, जबकि एक साल पहले इसी दौरान मर्सिडीज-बेंज की 590690 यूनिट बिकी थीं. मर्सिडीज कार से आमदनी भी 1 प्रतिशत घटकर 22.3 अरब यूरो रह गई है.

इससे पहले 2009 की चौथी तिमाही में डेमलर घाटे में गई थी. कंपनी के नये कार्यकारी ओला कैलनविस ने कहा, 'दूसरी तिमाही के हमारे परिणाम अप्रत्याशित चीजों से प्रभावित हुए.' हालांकि वाहनों की बिक्री में एक प्रतिशत की गिरावट के बावजूद कंपनी की आय बढ़कर 42.7 अरब यूरो हो गई है.

कंपनी ने कहा है कि अगली तिमाही के दौरान कैश-फ्लो जनरेशन में सुधार पर खासतौर से फोकस किया जाएगा. कंपनी इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है और सुरक्षा फीचर्स बढ़ाने तथा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो की समीक्षा पर जोर दिया जा रहा है.  दुनिया भर में ऑटो क्षेत्र इस समय मंदी के दौर से गुजर रहा है. भारत में भी प्रमुख ऑटो कंपनियों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है.