भारत में Electric Vehicles बनाने के लिए विदेशी कंपनियों को न्योता, चीन ने बढ़ाया कदम
KSL ने चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी Huaihai Holding Group के साथ ज्वाइंट वेंचर किया है. KSL वर्तमान में भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के फील्ड में काम करती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को प्रोमोट करने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. हाल ही में GST काउंसिल की बैठक में GST की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला लिया गया. इसके अलावा इलेक्ट्रिक चार्जिंग पर भी ब्याज दर घटाई गई है. बजट में मोदी सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लोन पर इनकम टैक्स में 1.5 लाख की छूट देने का ऐलान किया था. अब सरकार की कोशिश है कि चाइनीज इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली ऑटो कंपनियां भारत में आएं और बड़े पैमाने पर निवेश करें.
KSL क्लीन टेक लिमिटेड ( पूर्व में कीर्ति सोलर लिमिटेड) ने चीन की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी Huaihai Holding Group के साथ ज्वाइंट वेंचर कर इस दिशा में कदम बढ़ाया है. KSL वर्तमान में भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के फील्ड में काम करती है. अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार पूरी तरह खाली है. बहुत ज्यादा कॉम्पिटिशन नहीं है, क्योंकि डिमांड भी काफी कम है. ऐसे में KSL लिमिटेड चाइनीज कंपनी के साथ मिलकर बाजार की जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट डिलीवर करने पर जोर देंगे.
दोनों कंपनी मिलकर मैन्युफैक्चरिंग, असेम्बलिंग यूनिट और सेल्स नेटवर्क तैयार करने में 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी. उम्मीद की जा रही है कि 2020 तक प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. वर्तमान में KSL लिमिटेड का कोलकाता में असेम्बलिंग यूनिट है जिसकी क्षमता एक महीने में 10 हजार यूनिट असेम्बल करने की है.
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जानकारी के मुताबिक दोनों कंपनी मिलकर अगले तीन सालों में टू व्हीलर और थ्री व्हीलर कैटेगरी में 10 मॉडल लॉन्च करेगी. वर्तमान में भारत में हर साल 50 हजार यूनिट टू व्हीलर की और 10 हजार यूनिट थ्री व्हीलर की हर साल बिक्री होती है.
(रिपोर्ट- सुमित कुमार/नई दिल्ली)