कार खरीदते समय इन सेफ्टी फीचर्स से कभी न करें समझौता! यात्रा के दौरान हो सकता है बड़ा नुकसान
अच्छे सेफ्टी फीचर्स वाली कार दुर्घटना की स्थिति में आपकी जान बचा सकती है. हालांकि हर कार में एडवांस सेफ्टी फीचर नहीं होते लेकिन उनमें से कुछ आवश्यक ये 5 सेफ्टी फीचर आपकी कार में जरूर होने चाहिए.
कार खरीदते समय अक्सर लोग कार का मॉडल, कलर और डिजाइन देखकर पसंद करते हैं. आपको बता दें कि कार खरीदते समय केवल लुक ही नहीं बल्कि उसके सेफ्टी फीचर पर भी ध्यान देना चाहिए. अच्छे सेफ्टी फीचर्स वाली कार दुर्घटना की स्थिति में आपकी जान बचा सकती है. हालांकि हर कार में एडवांस सेफ्टी फीचर नहीं होते लेकिन उनमें से कुछ आवश्यक सेफ्टी फीचर आपकी कार में जरूर होने चाहिए.
1. एयरबैग (Airbag)
जब भी आप कार खरीदने जाएं तो ये जरूर चेक करें की गाड़ी में कितने एयरबैग्स हैं. एयरबैग आपको दुर्घटना की स्थिति में बचाने का काम करता है. जैसे ही आपके कार को तेज टक्कर लगती है, वैसे ही एयरबैग्स खुल जाते हैं, जिससे आपको कम चोट लगती है. दुर्घटना होने पर एयरबैग यूनिट में छोटा सा एक्सप्लोजन होता है, जिसके बाद बैग्स में तेजी से हवा भरती है और यह एयरबैग ऑक्युपेंट के लिए कुशन का काम करता है.
2. एडजस्टेबल स्टीयरिंग (Adjustable Steering)
स्टीयरिंग व्हील किसी भी कार का सबसे जरूरी हिस्सा माना जाता है. कई बार कार को लंबे वक्त तक चलाना पड़ता है, ऐसे में ड्राइवर को एडजस्टेबल स्टीयरिंग का चुनाव करना चाहिए. एक ऐसा स्टीयरिंग व्हील जिसे आप एडजस्ट कर सकते हैं, अलग-अलग लोगों के लिए वाहन को आराम से चलाना संभव बनाता है. इस फीचर के उपयोग से कम ज्यादा हाइट वाला इंसान अपने हिसाब से स्टीयरिंग को एडजस्ट कर के कंफर्टेबल होकर कार ड्राइव कर सकता है.
3. एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (Anti lock Braking System)
ABS कार के ब्रेकिंग सिस्टम को बेहतर बनाते हैं. अक्सर किसी सिचुएशन में अचानक ब्रेक मारना पड़ जाता है, जिसकी वजह से कार अपना बैलेंस खो देती है और दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में ये एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम पहियों को लॉक कर देता है, जो कार को फिसलने से बचाता है. इस फीचर से अचानक ब्रेक लगाने के दौरान भी कार का बेहतर नियंत्रण सुनिश्चित होता है.
4. इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल (Electronic Stability Control)
जब आप गाड़ी चला रहे होते हैं और अचानक मोड़ देते हैं या अचानक ब्रेक लगाना पड़ जाता है. तब ऐसे में ये गाड़ी के अलग-अलग पहियों पर एक सामान ब्रेक न लगाकर, जरुरत के मुताबिक कम ज्यादा ब्रेक लगाकर गाड़ी को फिसलने से बचा लेता है. इससे उन दुर्घटनाओं से बचने में मदद मिलती है जो घुमावदार सड़कों में ओवरस्टीयरिंग या अंडरस्टीयरिंग के कारण या गीली सड़कें होती हैं. ESC कार के पहियों की गति, दिशा और सेंसरों से लिए डाटा के साथ सिंक होकर काम करता है और कार को अनियंत्रित होने रोकता है.
5. ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन (Blind Spot Detection)
ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन ड्राइवर को वह देखने में मदद करता है जिसे वह कई कारणों से सड़क पर नहीं देख सकता. जैसे लेन बदलना, अगर ड्राइविंग करते समय सड़क पर ब्लाइंड स्पॉट न दिखे तो यह एक्सीडेंट की वजह बन सकता है. सड़क पर ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्ट करने के लिए कार में सेंसर लगाए जाते हैं. कोई भी खतरा महसूस होने पर यह सिस्टम ड्राइवर को अलर्ट भेज देता है.